बचपन आसपास

4 years ago
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●खेल रही है पानी से
●डॉ. माणिक विश्वकर्मा ‘नवरंग’
●कोरबा-छत्तीसगढ़

खेल रही है पानी से
छिपकर नाना-नानी से

हँसकर बोला करती है
गुपचुप तितली रानी से

पापा लेकर लौटे हैं
इक गुड़िया रजधानी से

झाँका करती है अक्सर
उठकर मच्छरदानी से

रोती है बेबात मगर
हँसती है आसानी से


[ ●डॉ. माणिक विश्वकर्मा ‘नवरंग’ की रचनाएं देश की तमाम पत्र-पत्रिकाओं में निरंतर प्रकाशित होते रहती है. छत्तीसगढ़ आसपास प्रिंट एवं वेब पोर्टल में उनकी प्रगतिशील कविताएं यदा-कदा प्रकाशित होते रहती है. बाल रचना भी उन्होंने लिखी है, प्रस्तुत है, हमारे वीवर्स के लिए एक बाल कविता. -संपादक
-कवि संपर्क
79748 50694

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