कविता आसपास : दुलाल समाद्दार
• दुलाल समाद्दार
[ बांग्ला-हिंदी कवि व ‘मध्यबलय’ के संपादक ]
▪️ अस्पताल
कभी कभी
अस्पताल होकर आना चाहिए
ताकि नये सिरे से हम जान सके
जीव विज्ञान के भूले बिसरे पाठ को
शुद्धिकरण हो
बीमारियों के बारे में
अपनी पुरानी अवधारणाओं का
अंत हो
अपने आपको पूर्ण रूप से जान ने के
अहंकार का.
बीच बीच में
अस्पताल होकर आना चाहिए
ताकि पता चले
अंगूर, सेब, केले, संतरे की
प्राकृतिक सुश्रुशाओं के इतिहास का
कठिन परिस्थितियों में मित्र कौन?
कौन तुम्हारी आत्मा के करीब
और कौन वह सुख के साथी
दुख में न होय.
कभी कभी
अस्पताल होकर आना अच्छा है
ताकि काले परदे के उस पार की
रहस्यमय दुनिया में
अचानक झाँक सको
जान सको
यह जगत ज्योतिर्मय
उजाले से ओतप्रोत
क्लेश, दुख, अमलिन प्रेम से भरा
यह जीवन
कितना अनोखा है
कितना अनमोल.
कभी कभी
अस्पताल से होकर आना अच्छा है
अगर वापस आ सको तो
शेष जीवन तब
और भी प्यारा
और भी दुर्लभ.
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• 94063 29988
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