





रचना आसपास : तारकनाथ चौधुरी
1 month ago
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ग़ज़ल
– तारकनाथ चौधुरी
छत्तीसगढ़ राज्य,चरोदा
छोडो़, रहने दो। उनको कहने दो।।
आदत हो गई है।
हमको सहने दो।।
दुःख के मेघों को,
अ़श्रु में ढलने दो।
बरसों रोते को ।
इक क्षण हँसने दो।।
बेटी को नभ में
उडा़न भरने दो।।
सूरज निकलेगा,
धुँध तो छँटने दो।। बच्घों की नींद में,
सुंदर सपने दो।
अच्छी यादों को
दिल में पलने दो।
बदलेगी सूरत
विश्वास जगने दो।।
तारक-मन-दीपक
नीरव जलने दो।
• संपर्क-
• 83494 08210
chhattisgarhaaspaas
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