बचपन आसपास
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●चलो चलें अब शाला भाई
●खूब करेंगे वहाँ पढ़ाई
-डॉ. बलदाऊ राम साहू
चलो चलें अब शाला भाई
खूब करेंगे वहाँ पढ़ाई।
बस्ता से हम नाता जोड़ें
आलस को हम झटपट छोड़े
खेलें – कूदें, धूम मचाएँ
लेकिन करें ना कभी लड़ाई।
राजू , मीनू , सोनू , आओ
मेरे पीछे दौड़ लगाओ
सही समय पर शाला जाना
हरदम कहती बड़की ताई।
शाला बंद पड़ी थी जब तक
सबके मन,उलझन थीं तब तक
सच्चे मन से काम करें अब
झटपट पाटें गहरी खाई।
भाग गया दुश्मन कोरोना
हँसना, गाना अब मत रोना।
लेकिन मास्क लगा कर रखना
शिक्षक करेंगे तभी बड़ाई।
chhattisgarhaaspaas
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