कविता- कल्याणी तिवारी
●आओ लिखे हम शहीदों के नाम
●जो बन गये सितारों की शाम
आओ लिखे हम शहीदों के नाम
जो बन गये सितारों की शाम
सीने पर गोली खाकर भारत के नाम
उन्हें न भुलाओ जो हमारी है शान
हमारी थी रौनक हमारी थे जान
जिनसे है रोशन रंगों की शान
आओ लिखे हम शहीदों के नाम
जो बन गये सितारों की शाम।।
जिन्होंने ने लिखी है इबारत नयी
देकर गये जो जान आजादी के नाम
मिटाकर अपना अस्तित्व किया नाम रोशन
भारत के वो लाल मिट्टी के नाम
आओ लिखे उन शहीदों नाम
जो बन गये सितारों की शाम।।
है जिनकी चमक चाँद तारों से ज्यादा
वो हैं हमारे प्यारे जवान
मिटा दी जवानी देश के खातिर
आओ लिखे उन जवानों के नाम
इंद्रधनुष की आभा है जिनसे
चमकते सितारों से ज्यादा है जिनकी
गिरो दो जरा, दो अश्क उनके नाम
आओ लिखे हम शहीदों के नाम
जो बन गये सितारों की शाम।।
[ प्रयागराज, उत्तरप्रदेश निवासी कल्याणी तिवारी, परास्नातक संस्कृत औऱ समाजशास्त्र में हैं. ‘कोरा’ में निरंतर अपनी देशभक्ति रचनात्मक लेखन में सक्रिय हैं. ‘छत्तीसगढ़ आसपास’ के वेब पोर्टल में उनकी पहली रचना प्रकाशित, कैसी लगी,लिखें. ]