रचना आसपास
4 years ago
214
0
●नव सबेरा
-विजय पंडा
[ घरघोड़ा, रायगढ़, छत्तीसगढ़ ]
शादी का निमंत्रण आया ;
मन हर्षित तन पुलकित
दौडते – भागते गुनगुनाते
श्रीमती, बाल बच्चों साथ
पंडाल तक पहुँच
विजेता की तरह
सीना चौड़े किए
जा खड़ा हुआ।
रसीले मीठे थे सजे
कुछ झूम रहे कुछ गा रहे
बाजे बज रहे थे।
कुछ हँस रहे इठला भी रहे
कैमरे की बिजलियाँ चमक रहे
गोल गप्पे बच्चे गटक रहे
हँसते खिलखिलाते
गले मे हाथ डाल
न मास्क
न बची दुरियाँ
गलबहियाँ किए
“कोरोना” को मुँह चिढ़ाते रहे।
अतीत याद आया !
कुछ थे बिछुड़े !
धरा से था नाता टूटा
कुछ का रोजगार छुटा
परिवारआज बिलख रहे।
देखो ! सूर्य रश्मि बिखर रहे
एक नव सवेरा आया
जन समूह जीव पक्षी चहक उठे ;
पुष्प दल विकसित; भौरें गुंजित
लोग अब मुस्कुरा रहे
कोरोना को लोग मुँह चिढ़ा रहे।।
●कवि संपर्क-
●98932 30736
●●●. ●●●. ●●●.
chhattisgarhaaspaas
Previous Post छत्तीसगढ़ी आसपास
Next Post विश्व भाषा दिवस पर विशेष