बाल ग़ज़ल
4 years ago
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बाल ग़ज़ल
म्याऊँ म्याऊँ करती है
■डॉ. माणिक विश्वकर्मा ‘नवरंग’.
■कोरबा-छत्तीसगढ़.
म्याऊँ म्याऊँ करती है
पर बिल्ली से डरती है
जब भी घोड़ा आता है
उसके ऊपर चढ़ती है
मम्मी की देखा देखी
घर में रोज़ सँवरती है
रेत अगर दिख जाए तो
मुट्ठी में वो भरती है
दरपन के आगे ख़ुद से
मुँह बिचकाकर लड़ती है
डॉगी से है प्यार बहुत
उसको छूने बढ़ती है
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●7974850694
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