बचपन आसपास, डॉ. बलदाऊ राम साहू
पेड़ अगर फल-बीज़ न देते
नदियां जल ना देतीं,
कैसे बनते बाग-बगीचे,
कैसी होती खेती.
सोचो बच्चो
●डॉ. बलदाऊ राम साहू.
[ ●दुर्ग-छत्तीसगढ़. ]
पेड़ अगर फल-बीज न देते
नदियाँ जल ना देतीं
कैसे बनते बाग-बगीचे
कैसी होती खेती।
और अगर बादल भैया भी
उमड़-घुमड़ ना आते
सोचो बच्चो, कैसा होता
पानी ना बरसाते।
पेड़ न होते आसपास तो
हरियाली ना होती
अपनी प्यारी धरती माता
दस-दस आँसू रोती।
इसीलिए कहता हूँ बच्चो
आओ पेड़ लगाएँ
जिससे बुलबुल, तोता, मैना
मीठे गीत सुनाएँ।
[ ●दुर्ग जिले से छत्तीसगढ़ ही नहीं, देश के ख्यातिलब्ध साहित्यकार डॉ. बलदाऊ राम साहू. बच्चों के लिए निरन्तर लिख रहे हैं, कई संग्रह प्रकाशित हो चुकी है औऱ अभी भी जारी है. ●’छत्तीसगढ़ आसपास’ के संपादकीय बोर्ड ऑफ़ डायरेक्टर के सदस्य डॉ. बलदाऊ राम साहू द्वारा बच्चों के लिए लिखी रचनायें निरन्तर हमारे ‘वेब पोर्टल’ में छप रही हैं. आपकी राय से अवगत कराएं, तो खुशी होगी. -संपादक ]
◆◆◆ ◆◆◆ ◆◆◆