होली पर विशेष- वंदना गोपाल शर्मा ‘शैली’
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●रंगों में भेद क्यों ?
-वंदना गोपाल शर्मा ‘शैली’
[ भाटापारा-छत्तीसगढ़ ]
गुलाल का रंग तो
भिन्न-भिन्न होता है…
फिर रातें उनकी
काली क्यों…
प्रीत का रंग तो
गुलाबी होता है न
फिर
आपसी बैर-भाव
क्यूं…
शांति का रंग सफेद
होता है
फिर इतना शोर क्यूं…
नीला रंग सांत्वना देता है…
फिर हरे से लड़ाई क्यूं
जबकि तेज धूप में भी हरियाली शीतलता प्रदान करती है…
पीला रंग पाचन को
संतुलित रखता है…
और
पीली रंग की हल्दी वधु को चढ़ती है…जो
शुभदायक होती है
फिर वर
सर पर कफ़न बांधे हल्दी लगे ही
सीमा पर देश की रक्षा हेतु
तैनात है…
नारंगी तो मनीषियों की पहचान है… फिर
विधर्मियों करते
उपहास क्यों…?
क्यूं पोत दिया
जाता है
काला रंग…
दुश्मनों द्वारा… उन घरों में …
जहां पर
शोक ही पसर जाता है…!
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