






होली पर विशेष- संतोष झांझी
4 years ago
397
0
●फ़ागुन आये
-संतोष झांझी
[ भिलाई-छत्तीसगढ़]
फागुन आये फागुन जाए
वो मेरा फागुन लौटा ना
डाली डाली अमरइया में
कुहू कुहू बोली कोयलिया
कोयलिया संग संग नाची
डाल डाल मेरी पायलिया
फिर वो फागुन लौटा ना
नैनों मे सतरंगी डोरे
बिन गुलाल गुलनारी चेहरा
रंग रसिक मधुकर बौराये
आया फागुन बांधे सेहरा
फिर वो फागुन लौटा ना
मन ऐसी काली कामरिया
कोई भी रंग चढ न पाये
मन रस रंग बदरंग हुआ यों
कोई भी रंग न चढ पाये
कोई फागुन हो चाहे पर
अब कोई फागुन न भाये
फिर वो फागुन आया न
■■■ ■■■
chhattisgarhaaspaas
Previous Post होली पर विशेष- •अमिताभ भट्टाचार्य
Next Post होली पर विशेष- तारकनाथ चौधुरी
विज्ञापन (Advertisement)


















ब्रेकिंग न्यूज़
‹›
कविता
‹›
कहानी
‹›
लेख
‹›
राजनीति न्यूज़
‹›