रचना आसपास- कमल यशवंत सिन्हा.
●कवि हूँ
उम्मीद लिखूंगा
जीवटता लिखूंगा
अदम्य साहस लिखूंगा.
-कमल यशवंत सिन्हा
[ रायगढ़-छत्तीसगढ़ ]
मैं नहीं लिखूंगा
चुनावी रैलियों में उमड़ी भीड़ पर
ऑक्सिजन के लिए तड़पती जिंदगियों पर
शमशान में जलती चिताओं के ढेर पर
बेड के लिए घनघनाते फोन पर
दवाओं की कालाबाज़ारी करते मृत आत्माओं पर
मास्क न पहनें लापरवाहों पर
पुलिस से बदतमीजी करते लोगों पर
निर्वाचन आयोग पर
लोकतंत्र पर
चुनाव पर
आईपीएल पर
मैं…नहीं लिखूंगा
मगर मैं लिखूंगा
गर्भवती होकर ड्यूटी करती
महिला डॉक्टर्स, पुलिस ऑफिसर्स पर
अनवरत जागते मेडिकल स्टॉफ पर
गुरुद्वारे के बाहर ऑक्सिजन उपलब्ध कराते सिक्खों पर
मस्जिद को आइसोलेशन सेंटर बनाने वाले मुसलमानों
पर
खुद की जिंदगी दांव पर लगा कर अंतिम संस्कार करते भगवानों पर
गाड़ी बेच ऑक्सीजन सिलिंडर खरीदने वाले इंसान पर
दिनरात ड्यूटी करते पुलिस कर्मियों पर
राशन पहुंचाते लोगों पर
Covid मरीज को फ्री सेवा देते ऑटो चालक पर
मैं लिखूंगा
कवि हूँ
उम्मीद लिखूंगा
जीवटता लिखूंगा
अदम्य साहस लिखूंगा
लिखूंगा उन दीपकों के बारे में
जिन्होंने अमावस में खुद को जलाकर
मुल्क को रोशन रखा
ताकि जब हम इन काली रातों को पार कर
नयी सुबह देखें
आने वाली पीढ़ी जब अपना इतिहास पढ़े
तो उन्हें यकीन हो
कि सदी की सबसे भयावह त्रासदी में भी
कुछ जुगनू सूरज बन जलते रहे सारी रात…
मैं लिखूंगा उनके बारे में
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