मई दिवस-1 मई पर विशेष, रचना आसपास. •मिथिलेश राय
●साथी
-मिथिलेश राय
[ शहडोल-मध्यप्रदेश ]
यदि हम नही बोलेंगे,
करते रहेंगें, गोलमोल,
बातें ही
साथी
लेते रहेंगें
कुछ लोगो के ही नाम
उन्ही के सपने, इच्छा,
बातें, विचारोंपर करते रहेंगे
चर्चा परिचर्चा हर बार,
यदि हम कुछ लोगों का
कुछ चीजों का ही नाम लेंगे,
बातें करेंगें,
कुछ लोगों कुछ चीजों की
पर नही
तोडेंगे चुप्पी, नही बोलेंगे
चुप रहेंगे
कुछ लोंगों के
खिलाफ, जो सबसे ज़्यादा ताकतवर है, तो
देख लेना हम मर जाएंगे
चुपचाप एक दिन,
हो सकता है कि बोलते हुए
अपने पक्ष में
हमे मालिकों
के फ़ौज की खानी पडे
बूटों की ठोकरें,
करना पड़े गोली ,बंदूक बारूद
तलवार भाला बरछी का सामना
क्योँकि उन्हें ही सर्वाधिक,
मालूम है डर के बारे में,
वे हमारे बोलने से डरते है,
उनके डर के खिलाफ ना
बोलना कायरता है,
और बोलना जीवन है,
जीवन का श्रेष्ठतम प्रेम है,
हम उनके डर के खिलाफ
बोलेंगें और जरूर बोलेंगें
साथी
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