■मज़दूर दिवस- 1मई पर विशेष रचना आसपास : •विद्या गुप्ता
4 years ago
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●मज़दूर दिवस पर कुछ पंक्तियों की छोटी-छोटी सी रचना.
-विद्या गुप्ता
[ दुर्ग-छत्तीसगढ़.]
1. ●पगला
काटता रहा
पहाड़
पिघलाता रहा
फौलाद
पाटता रहा खाइयां
बनाता रहा पुल
तालियां बजाता रहा पगला
काट नहीं सका
उद्घाटन का
रेशमी फीता
2. ●विडंबना
सुना है
दाने दाने पर लिखा है खाने वाले का नाम
हर हथेली में तय है
एक भाग्य रेखा और अपना अपना हिस्सा
कहां गया तय हिस्सा किसने मिटा दी
भाग्य रेखा…? किसने बदल दिया
घोषित भाग्यफल….!!
भूख खोजती रही अपना नाम लिखा दाना
वे कौन सी
अनाम उंगलियां है
जो लिख लेती रही
नाम से सर्वनाम तक
सब कुछ
अपने नाम
क्या तय था…..??
जो नहीं मिला या
कुछ नहीं मिला
यही तय था
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