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  • ■माँ को समर्पित कविता : •संतोष कुमार सोनकर मंडल.

■माँ को समर्पित कविता : •संतोष कुमार सोनकर मंडल.

4 years ago
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●माँ
-संतोष कुमार सोनकर मंडल
[ राजिम,जिला-गरियाबंद, छत्तीसगढ़ ]

मां ममता है मां प्यार है।
मां बच्चे की दुलार है।।

मां रोली है मां रंगोली है।
मां हर हाजमें की गोली है।।

मां भूख है मां आहार है।
मां गुरु और व्यावहार है।।

मां पानी है मां रानी है।
मां बचपन बुढ़ापा जवानी है।।

मां संस्कार है मां उपहार है।
मां का विस्तार अपार है।।

मां मन है मां बुद्धि है।
मां संतान की सद्बुद्धि है।।

मां मौखिक है मां लौकिक है।
मां का स्वरूप अलौकिक है।।

माता ताली है मां नारी है।
मां दुनिया में सबसे प्यारी है।।

मां सांचा है मां आशा है।
मां दुर करती निराशा है।।

मां नाव है मां ताव है।
मां धूप और छांव है।।

मां पुरातन है मां सनातन है।
मां जीवन का उद्घाटन है।।

मां ब्रह्मा, विष्णु, महेश है।
मां रटते ही कटते क्लेश है।।

मां स्वच्छ है मां निर्मल है।
मां के आगे सब दुर्बल है।।

मां धरती है मां अंबर है।
मां स्वर्ग से भी सुंदर है।।

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