■कविता आसपास : •कमल यशवंत सिन्हा.
4 years ago
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●माँ
-कमल यशवंत सिन्हा
[ रायगढ़-छत्तीसगढ़ ]
माँ सिर्फ़ माँ नहीं है
माँ घर का स्वाद है
माँ की चूड़ियाँ,माँ की बोली
घर का संगीत है
माँ के कदमों की थाप
घर का नृत्य है
पापा और बच्चों का टिफ़िन है माँ
दादा -दादी के दर्द का मरहम है माँ
घर की पूरी व्यवस्था है माँ
बच्चों का हौसला
बच्चों की आस्था है माँ
माँ विश्वास है, समर्पण है, त्याग है
माँ के भीतर पूरा घर है
माँ के बाहर हर घर बेघर है
माँ घर की आबोहवा है
माँ घर की सुरभित पुष्प है
माँ असीम है विराट है
माँ पर करोड़ो शब्द लिखे गए
करोड़ों लिखे जाएंगे
मगर इन शब्दों की परिधि से बाहर है माँ…
[ कवि कमल यशवंत सिन्हा, शासकीय महाविद्यालय, तमनार रायगढ़ छत्तीसगढ़ में हिंदी विभाग में पदस्थ हैं. ]
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