■तोटक छंद : •राम कुमार चंद्रवंशी.
3 years ago
163
0
●जब भोर हुआ.
-राम कुमार चंद्रवंशी.
[ छुरिया,राजनांदगांव-छत्तीसगढ़ ]
जब भोर हुआ चिड़िया चहके।
तब फूल खिले बगिया महके।
तितली अलि मस्त परागन में।
बिखरी किरणें घर-आँगन में।।
जब पूर्व दिशा रतनार हुआ।
खग वास तजा उड़ व्योम छुआ।
जब मारुत शीतल मन्द चला।
तब क्यों रहते तरु शांत भला।।
धर खाँध किसान चले हल को।
गढ़ने जग में अपने कल को।
कुछ आस लिए मन में अपने।
करने सच खेतन में सपने।।
घर-आँगन नार बटोर रही।
रज आँगन में अब थोर नहीं।
पनिहारिन कुम्भ चली धरके।
घर लौट रही जल को भरके।।
सुरलोक बराबर प्रात हुआ।
सबके मन को परभात छुआ।
अति हर्ष हुआ सब लोगन को।
मन मोह लिया सबके मन को।।
◆◆◆ ◆◆◆