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  • ■कबीर जयंती पर विशेष : •दोहे आसपास- •डॉ. माणिक विश्वकर्मा ‘नवरंग’.

■कबीर जयंती पर विशेष : •दोहे आसपास- •डॉ. माणिक विश्वकर्मा ‘नवरंग’.

4 years ago
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●दूर किए तक्सीर
-डॉ. माणिक विश्वकर्मा ‘नवरंग’
[ कोरबा-छत्तीसगढ़ ]

जीवन के हर सत्य को , धारण किए कबीर
आडंबर को छोड़कर, दूर किए तक़्सीर

जीवनभर पीते रहे, जनहित में तहकीर
वचन कभी तोड़े नहीं,ऐसे रहे कबीर

उनके अनुयायी सभी, राजा, रंक, फ़कीर
ढूँढे से मिलता नहीं, दूजा संत कबीर

दास कबीरा लिख गए, कर्मों की तासीर
कोई जग में आजतक,लिखा नहीं तदबीर

लोग जतन कर थक गए, कहलाए न कबीर
नये मुखौटे ओढ़कर, होते रहे अधीर

तक़्सीर -दोष,कमीं,त्रुटि,भूल । तहकीर-अपमान,निंदा,घृणा,उपेक्षा ।तदबीर-उपाय ,उक्ति। तासीर – असर,प्रभाव,परिणाम।

●कवि संपर्क-
●79748 50694

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