■छायावाद के 100 वर्ष : •पूनम पाठक बदायूँ.
●छायावाद को पूरे हुए सौ वर्ष,
●हिंदी गदगद है हो रहा हर्ष.
●श्री मुकुटधर पांडे जी महान,
●जिन्होंने दिया छायावाद नाम.
-पूनम पाठक बदायूँ
[ इस्लामनगर,बदायूँ,उत्तरप्रदेश ]
छायावाद को पूरे हुए सौ वर्ष ,
हिंदी गदगद है हो रहा हर्ष ।
श्री मुकुटधर पांडे जी महान ,
जिन्होंने दिया छायावाद नाम ।
छायावाद रोमांटिक उत्थान काव्य धारा,
उन्नीस सौ अठारह से युग शुरू हुआ।
प्रमुख युगवाणी सुंदर इसकी गाथा ,
उन्नीस सौ छत्तीस तक काव्यधारा ।
प्रसाद, निराला और महादेवी वर्मा, सुमित्रानंदन पंत प्रतिनिधि काव्य धारा ।
रचित नमन मुकुटधर पांडेय जी ,
श्री शारदा पत्रिका छायावाद लिखी।
कृति प्रेम, नारी प्रेम व मानवीकरण,
सांस्कृतिक जागरण कल्पना प्रमुख।
खड़ी बोली भी खूब प्रतिष्ठित हो गई ,
ब्रज भाषा हिंदी काव्य से बाहर हुई।
हिंदी को मिले नए शब्द प्रतिबिंब ,
गद्य की भाषा भी इसमें हुई समृद्ध ।
कुररी के प्रति मुकुटधर रचित ,
छायावाद की कविता थी प्रथम ।
हिंदी कविता में पहले द्विवेदी युग ,
उसके बाद आया छायावाद युग ।
कल्पना व भावना प्रधान छायावाद,
गीतांजलि का था अत्यधिक प्रभाव।
सांस्कृतिक साहित्यिक जागरण विकास, राष्ट्रीय परिधि में भारतेन्दु युग से शुरू। छायावाद ने तोड़ा पद्य का ढांचा,
खड़ी बोली को काव्य बना दिया ।
छायावाद की भाषा और छंद,
हुए रागात्मकनऔर रसात्मक ।
प्रसाद, निराला ,पंत महादेवी ,
रामकुमार को भी है नमन।
सहयोगी माखनलाल और ,
नवीन पूर्व अनुगामी सहयोगी।
तुलसी ने रच दिया महाकाव्य ,
प्रसाद कामायनी पंत लोकायतन।
रामचंद्र शुक्ल बाजपेई द्विवेदी,
नरेंद्र रामवर ने दिए बड़े विचार ।
छायावाद की विशेषताएं अद्भुत ,
अभिव्यक्ति नारी सौंदर्य प्रेम चित्रण।
प्रकृति प्रेम का बोलबाला हुआ,
प्रकृति है सौंदर्य की दूसरी प्रवृत्ति ।
मानव जीवन का हुआ चित्रण,
रची महादेवी मैं बनी मधुमास अली ।
“हिमाद्रि तुंग श्रृंग प्रबुद्ध शुद्ध भारती,
स्वयंप्रभा समुज्वला स्वतंत्र पुकारती।”
रहस्यवाद स्वच्छंदतावाद प्रमुख ,
दार्शनिकता और कल्पना प्रधान।
मुक्तक गीतिका शैली तत्व ,
वैयक्तिकता भाव संगीत संक्षिप्तता कोमलता।
प्रतीकात्मकता प्राचीन नवीन अलंकार,
मानवीकरण विरोधाभाष विशेषण सार।
कोमलकांत संस्कृतमय शब्दावली,
बड़ा ही सुंदर है पूरा छायावाद युग।
छायावाद को पूरे हुए सौ वर्ष ,
हिंदी गदगद है हो रहा है हर्ष।
छायावाद ने बहुत कुछ सिखाया है,
प्रकृति प्रेम मानवीकरण से मिलाया है।
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