■कविता : जितेन्द्र ‘कबीर’.
●ईमानदारी का डंडा.
-जितेन्द्र ‘कबीर’.
[ चम्बा-हिमाचल प्रदेश ]
चुनाव में
हर एक ईमानदार, निष्पक्ष व सजग
उम्मीदवार एक संभावित ‘डंडा’ है
राजनीतिज्ञों की खुशामद कर किसी तरह
अपना स्वार्थ सिद्ध करने के लिए आतुर
बहुत से लोगों के लिए,
लोगों की ऐसी मानसिकता एक कारण है
इस देश में
ईमानदार लोगों के राजनीति में आगे
न आ पाने के पीछे
और भ्रष्ट व बेइमान लोगों के राजनीति में
लगातार फलते-फूलते जाने के पीछे।
प्रशासन में
हर एक ईमानदार, कर्मठ व नियमों का पक्का
अधिकारी एक संभावित ‘डंडा’ है
सरकार और प्रशासन में शामिल बहुत से
बेइमान, भ्रष्ट एवं कामचोर लोगों के
हितों के लिए,
इस देश की प्रशासनिक व्यवस्था में
बेईमानों और भ्रष्ट लोगों की बहुतायत
एक कारण है
ईमानदार अधिकारियों को तरह तरह से
तंग किए जाने के पीछे
और भ्रष्ट व बेइमान अधिकारियों के
लगातार फलते-फूलते जाने के पीछे।
[ ●तहसील और जिला चम्बा,हिमाचल प्रदेश के जितेन्द्र ‘कबीर’ अध्यापक हैं. ●’छत्तीसगढ़ आसपास’ में इनकी दूसरी रचना है. ●अपनी राय से अवगत कराएं.-संपादक] ■
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