■ग़ज़ल : •डॉ. माणिक विश्वकर्मा ‘नवरंग’.
3 years ago
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●घटाओं ने छुआ होगा.
-डॉ. माणिक विश्वकर्मा ‘नवरंग’.
[ कोरबा-छत्तीसगढ़ ]
जब घटाओं ने कल छुआ होगा
भीग जाने का मन हुआ होगा
कर रहा होगा प्यार की बातें
द्वार के सामने सुआ होगा
लुत्फ़ आता है बूंद पड़ने पर
ये सबक बारहा सुना होगा
टकटकी बाम पर लगी होगी
रात छप्पर बहुत चुआ होगा
भा गया ऐसे में अगर कोई
दर्द दिल में कई गुना होगा
इश्क़ में डूब जाएगा ‘नवरंग’
हर बशर में फ़कत ख़ुदा होगा
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