■कविता : ■पंखुरी सिन्हा.
●घोंसला
-पंखुरी सिन्हा
[ दिल्ली ]
चिड़िया के उजड़े घोंसले से ज़्यादा उदास और कुछ नहीं होता
मन उससे भी ज्यादा उदास हो गया
देख कर, वह खाली, शान्त घोंसला
जहाँ पल भर पहले रौनक थी इतनी!
पल भर पहले अपने डैने आज़मा रहा था वह बच्चा!
पल भर पहले उसकी खुली चोंच में
सारी दुनिया थी!
क्या उसकी माँ, अभी इस वक़्त
नहीं आ सकती मुझे कुछ बताने?
अभी, जब मैंने पहले देखा खाली घोंसला, फिर सोचा, उड़ गया?
क्या इतना बड़ा हो गया, पल भर में?
आखिर, कितना प्रचंड हो गया
जीवन राग?कि उड़ा ले गया उसे?
ओह! यह तो गिरा पड़ा है
निष्प्राण! मृत्यु दंड को प्राप्त!
कैसे पता चलेगा, क्या हुआ?
क्या अपनी ही आतुरता का
शिकार हो गया वह ? क्या उतर आया घोंसले के नीचे?
क्या उसे नहीं बताया गया था कि
लक्ष्मण रेखाओं में जीते हैं हम सब?
क्या मेरे छोटे पालतू कुत्ते ने
उकसाकर, डरा कर
नीचे गिरा दिया उसे?
लेकिन, वह नन्हा, चिड़िया का बच्चा
लेटा था ऐसे जैसे नींद में सोता हो, दीवान की चादर पर मेरी
वहाँ तो निश्चित लाया उसे कोई और?
कहीं घुस तो नहीं आई कोई शिकारी चिड़िया? कोई दूसरी दुष्ट आत्मा?
नहीं, मुझसे ही हुई चूक
सुबह जब बड़ी देर ऊपर
अंटका था वह नन्हा कुत्ता
मुझे जाकर देखना था माजरा!
आखिर हुआ क्या? ओ मेरी बुलबुल?
बड़ी देर तक बोलती रही तुम
उस कमरे की खिड़की में
अभी कहां हो? सुनो ऐ दुनिया की सारी बुलबुलों, इस दुनिया को भर दो
बुलबुल के चहचहाते बच्चों से!
वह सारी आशा, जो उसकी हर मुद्रा में थी, लौटा लाओ वापस! वह अदभुत संगीत जिसमें थिरक रही थी
उस खग शिशु की देह, लौटा लाओ फिर से!
ओह! कितना निष्प्राण हो चुका था वह, जब तक आया मेरी हथेलियों में!
काश! वह मादा बुलबुल साथ हो पाती मेरे टूटे दिल के आज की रात!
सुनो इस संसार और इससे परे के सब संसारों की नेक दिल बुलबुलों!
तलाशो, तलाशो अपने लिए महफ़ूज ठिकाने, घुस जाओ दुनिया के सारे घरों, बगीचों, जंगलों में! और रच डालो एक अनोखा नया संसार
बुलबुलों का!
[ ●’छत्तीसगढ़ आसपास’ के लिए पंखुरी सिन्हा की पहली कविता. ●युवा लेखिका पंखुरी सिन्हा की दो हिंदी कथा संग्रह,5 हिंदी कविता संग्रह,2 अंग्रेज़ी कविता संग्रह के साथ कई किताबें प्रकाशनाधीन. ●सम्मान-कविता के लिए राजस्थान पत्रिका से 2016 में पुरस्कृत. कुमुद टिक्कू कथा पुरस्कार. मथुरा कुमार गुंजन स्मृति पुरस्कार. प्रतिलिपि कविता सम्मान. राजीव गांधी एक्सीलेंस अवार्ड. चित्रा कुमार शैलेश मटियानी सम्मान. ‘एक नया मौन’ औऱ ‘एक नया उद्धोष’ कविता पर गिरिजा कुमार माथुर स्मृति पुरस्कार. ●’कोबरा :गॉड ऐट मसर्री’ डाक्यूमेंट्री का स्क्रिप्ट लेखन के लिए यूजीसी फ़िल्म महोत्सव में सर्वश्रेष्ठ फ़िल्म का खिताब. ●अंग्रेजी लेखन के लिए विदेशों में कई सम्मान, पंखुरी सिन्हा के नाम हैं. ●देश और विदेशों में 24 से अधिक भाषाओं में पंखुरी सिन्हा की कविताओं का अनुवाद हो चुका है. ●हंगरी और बुल्गारिया में ‘राइटर इन रेजीडेन्स’ कार्यक्रमों में चयन.
-संपादक ]