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2 छोटी-छोटी लघुकथा, महेश राजा, महासमुंद-छत्तीसगढ़

4 years ago
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■चोर पुलिस

पुलिस वाले के यहाँ चोरी हो गयी।उस मुहल्ले में यह बात आग की तरह फैल गयी कि आरक्षक के यहां से लोग नगदी और जेवर ले गये।
मिलने वाले आये।एक सज्जन ने पूछा,”हवालदारजी!चोर का पता चला?”
आरक्षक गंभीर स्वर मे बोले,पता तो चल ही जायेगा,जाएगा कहां हमसे बचकर।शाम को जब चोरी का आधा हिस्सा पहुंचाने आयेगा।पूरा वसूल लेंगे।आखिर हमसे बच कर जायेगा कहां?

■कार्य कुशलता

सेवानिवृत्ति के समय किसी ने उनसे पूछा,-“सरकारी विभाग मे इतने अच्छे ढंग से पैंतीस साल,सफलतापूर्वक गुजारने का राज?”
वे मूंछों मे मुस्कुराये,-“मैं किसी भी कार्य को पैन्डिंग नहीं रखता था।जो भी फाईल मेरी मेज तक आती थी,कोई न कोई आब्जेक्शन लगाकर दूसरे प्रभाग मे भेज देता था।मेरी सफलता का राज है कि मैंने अपने सेवाकाल मे हर कार्य मे केवल ‘”आब्जेक्शन”ही लगाये है।

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