लघुकथा, कार्य कुशल -महेश राजा
4 years ago
164
0
वे मूंछों मे मुस्कुराये,-“मैं किसी भी कार्य को पैन्डिंग नहीं रखता था।जो भी फाईल मेरी मेज तक आती थी,कोई न कोई आब्जेक्शन लगाकर दूसरे प्रभाग मे भेज देता था।मेरी सफलता का राज है कि मैंने अपने सेवाकाल मे हर कार्य मे केवल ‘”आब्जेक्शन”ही लगाये है।
लेखक संपर्क-
94252-01544