लघु कथा : डॉ. सोनाली चक्रवर्ती
• लघु कथा : बदलाव
– डॉ. सोनाली चक्रवर्ती
पोहे भिगा के पानी निथारते हुए शुभा के कान बराबर बाहर वाले कमरे में लगे हुए थे। ससुर जी की बरसी पर आये हुए रिश्तेदारों से घर भरा था। आज अधिकांश चले गए और घर के सारे पुरुष कुछ सर्टिफिकेट आदि के काम से गए थे तो घर में सिर्फ लड़कियां ही बच गई थी। सभी विवाहित बेटियां जिसमें उनके जेठ जी की भी बेटियां थी और खुद की भी। आज सभी पसरी हुई थी और मायके का लुत्फ़ उठा रही थी।
शुभा ने ही स्नेह से भर के कहा था -“बताओ क्या खाना है मैं बना देती हूं। आज आराम करो रोज तो करती रहती हो। हमारे जमाने में तो हमें अकेले मायके जाकर रहने का भी समय नहीं मिलता था। इतना बड़ा ससुराल का परिवार था कि कोई ना कोई काम लगा ही रहता था”
सारी लड़कियों ने एक सुर में कहा कि सबसे आसान पोहा बनाना होता है वही बना लो मम्मी। ज्यादा मेहनत मत करो हमें पता है रसोई घर में कितना समय लगता है। लड़कियों की इस समझदारी पर खुशी से अधिक मन में हूक उठी कि नाजो पली मेरी नखरीली लड़कियां इतनी बड़ी कैसे हो गई?
उन्होंने जोर से आवाज लगाकर पूछा -“सब की सब मायके में थी तो ढेर सारा आलू डालकर पोहा कहती थी। आज बताओ कैसा चाहिए?”
-“चाची आज प्याज डाल दो ना थोड़ा सा इनको पसंद है” जेठ की बड़ी बिटिया बोली
-“मेरे पति को तो पोहा में प्याज बिल्कुल अच्छा नहीं लगता” मझली की आवाज आई “मेरे पति तो कच्चा प्याज साथ में रखते हैं”
अब उनकी बिटिया बोली-“मेरे पति को पोहा में प्याज तो चलता है लेकिन बिल्कुल गोल्डन होना चाहिए थोड़ा भी वाइट नहीं रहना चाहिए ना ही काला पड़ना चाहिए।
शोभा जी हतप्रभ होकर सुन रही थी।
पता नहीं कौन सी बिटिया की आवाज आई -” मूंगफली जरुर डालना। मेरे पति तो बिना मूंगफली के पोहा हाथ भी नहीं लगाएंगे”
शुभा जी हाथ में मसाले का डब्बा लिए सुन्न खड़ी थी। यह लड़कियां अकेले मायके में आई थी, दादा जी के बरसी पर आने का समय इनमें से किसी के पति के पास नहीं था,उनके पति यहां पर इस वक्त मौजूद भी नहीं थे लेकिन यह लड़कियां अपनी नहीं पति की पसंद बता रही थी।
मन कड़ा कर वह किचन के दरवाजे पर आई और उन्होंने पूछा-“यह तो तुम लोगों के पतियों की पसंद है तुमको क्या पसंद है वह बताओ मैं वह बनाऊंगी”
सारी लड़कियां खिल खिलाकर हंस पड़ी और कहने लगी मम्मी हमारा क्या है?जो भी बना दो हम खा लेंगे।
शोभा जी चुपचाप आकर भीगे पोहे में मिर्च बुरकने लगी।
और शायद मिर्च वाला हाथ लगने की वजह से उनकी आंखें आंसुओं से भर गई और सारी रसोई धुंधली हो गई।
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