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मास्टर स्ट्रोक [व्यंग्य] : राजशेखर चौबे

1 month ago
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🤣 महाकुंभ में शाही स्नान
🤣 राजशेखर चौबे
🤣 रायपुर : छत्तीसगढ़

महत्वपूर्ण लोगों का महत्व कभी कम नहीं होगा । यह सनातन परंपरा है । सनातन धर्म में भी वी आई पी का बोलबाला है, यकीन न हो तो महाकुंभ चले जाइए । महाकुंभ में स्नान से सारे पाप धुल जाते हैं ऐसा अधिकतर लोगों का मानना है ।
महाकुंभ में स्नान से पाप तो धुल जाएंगे लेकिन हो सकता है मोक्ष न मिले । कुछ वर्षों तक इसी पापी संसार में रहना होगा । मोक्ष के लिए क्या करना होगा ? मोक्ष के लिए मरना जरूरी है । मोक्ष का उपाय एक बाबा ने बताया है , उनका कहना है कि जो भी कुंभ के भगदड़ में मरे हैं उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होगी ! ये
बाबाजी भी जरूर मोक्ष चाहते होंगे । भगवान उनकी इच्छा शीघ्र पूरी करें ।
किसी भी हादसे या भगदड़ की जिम्मेदारी से बचने का सबसे आसान उपाय है, उसे षड्यंत्र करार देना । यह काम सरकारें बखूबी करती रही हैं । भगदड़ या किसी हादसे में मरने वालों की संख्या का सरकारी आंकड़ा हमेशा कम होता है । इस बार भी है । क्या जिनका नाम सरकारी आंकड़ों यानी मुआवजा पाने वालों की सूची में नहीं है उन्हें भी मोक्ष की प्राप्ति होगी ? क्या ऊपर जाकर भी आधार परिचय पत्र पैन आदि की जांच नहीं होगी ? कुंभ जाने वाले करोड़ों लोगों की रोज गिनती हो रही है पर भगदड़ में मरने वालों की सही गिनती किसी को मालूम नहीं है । अब तो भगदड़ की संख्या की भी खोज की जा रही है । पहले के कुंभ के भगदड़ पर राजनीति करने वालों का मानना है कि महाकुंभ के इस भगदड़ पर राजनीति नहीं होना चाहिए ।

आजकल धर्म में राजनीति है या राजनीति में धर्म है यह फैसला करना कठिन हो गया है । आज राजनीति में झूठ का बोलबाला है । हिटलर के प्रचार मंत्री डॉ गोएबल्स ने कहा था – ” एक झूठ को अगर कई बार दोहराया जाए तो वह सच बन जाता है । ”
आज के मीडिया वाले उनके नातियों का कहना है, इतना ज्यादा झूठ बोलो कि सच भी झूठ लगने लगे । भगदड़ के बाद मीडिया में ब्रेकिंग न्यूज़ चल रही थी – दो घंटे के भीतर बड़े ने छोटे से तीन बार बात की । इस बात का दावा किया जा रहा है कि कुछ लोग भगदड़ से प्रसन्न हैं । ऐसे लोग क्या पहले के भगदड़ से प्रसन्न थे ? इस भगदड़ से हर कोई दुखी है और हम सबसे ज्यादा दुखी है हमारी गंगा मैय्या।

महाकुंभ में ज्यादातर लोग पाप धोने के लिए जा रहे हैं । कुछ मोक्ष प्राप्ति के लिए जा रहे हैं । कुछ सयाने (उम्र से नहीं ) लोग लाइक, शेयर, सब्सक्राइब और फॉलोवर्स के लिए जा रहे हैं । पहले शाही स्नान में साधु संतों को प्राथमिकता मिलती थी । अब यह प्राथमिकता आज के शहं-शाह को मिलने लगी है । पहले साधु संतों को नेता नहलाते थे । अब नेता को साधु संत नहला रहे हैं ! क्या भगवान कल्कि के अवतरित होने का समय आ गया है !!

🤣 • राजशेखर चौबे
🤣 • संपर्क : 94255 96643

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