






लघुकथा
●जंगल में चुनाव
-महेश राजा
जंगल के जानवरों ने सोचा कि उन्हें अपना राजा चुन लेना चाहिये।
सियार ने कहा-“मैं रात भर चिल्ला चिल्ला कर लोगो को सावधान रखता हूँ।इसलिये राजा मुझे ही बनाओ।”
गिद्ध ने कहा,-“मैं दूरदृष्टि वाला हूँ।इसलिए राजा के पद पर सबसे योग्य उम्मीदवार मैं ही हूँ।”
चूहा बोला,-“मैं हर वस्तु को कुतरने मे माहिर हूँ।मुझे अपने पैने दाँतों पर भरोसा है।मुझसे अच्छा राजा कोई नहीं हो सकता।”
भेडिया बोला -“मुझे अपने पंजो पर पूरा भरोसा है।इन पंजो से कोई नहीं बच सकता,इसलिये राजा मुझे ही बनाओ।”
तभी उनकी नजर एक मिमियाती हुई बकरी पर पडी।सभी की ईच्छा थी कि आज बकरी के स्वादिष्ट मांस का आनंद लिया जाये।
भेडिये ने बकरी की ओर ललचाई नजरों से देखा।सियार चालक था,बोला-“ठहरो!इतने उतावले मत बनो।पहले चुनाव हो जाने दो।बकरी को इसी जंगल में रहना है।हमसे बच कर कहां जायेगी?”
●लेखक संपर्क-
●9425201544
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