






लघु कथा : •महेश राजा.
4 years ago
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●हक
-महेश राजा
आज त्यौहार था।पडोसी मित्र को शुभकामनाएं दी और पूछा,इस बार जुलूस,मंदिर में पूजा और समाज भोजन हो पायेगा?
मित्र दर्द भरी मुस्कुराहट लिये बोले,कहाँ भाई।ये आयोजन।भीडभाड़।जुलूस।यह सबका हक तो हमारे राजनयिकों के लिये है।हम आम आदमी के अधिकार में यह सब नहीं…..।
chhattisgarhaaspaas
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