■लघुकथा. •महेश राजा.
3 years ago
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●परिवार
-महेश राजा
[ महासमुंद-छत्तीसगढ़ ]
सोशल साईंस की आनलाइन क्लास के बाद भव्य ने पापा मम्मी से पूछा,यह परिवार क्या है?
दीपिका हँसी,बेटा आप मैं और पापा,यह है परिवार।
– पर,शिरीन मैम तो कह रही थी,परिवार में दादा दादी,चाचा चाची बुआ और बहन होते हैं।
-वो सब कहाँ हैं?मेरी तो कोई बहन भी नहीं है।मेरी क्लास की पीहू कह रही थी,उसके घर में तो सब रहते है।कुल सोलह सदस्य।
दीपिका चुप हो गयी।अरविंद ने बच्चे को बहलाना चाहा,दादा- दादी गाँव में रहते है।चाचा- चाची दूसरे शहर में,जाब करते है।बुआ की शादी हो गयी।वे फारेन में है।
भव्य समझना नहीं चाह रहा था।बार- बार जिद कर रहा था।सब साथ कब रहेंगे।और..मेरी बहन कब आयेगी?
[ लेखक संपर्क-94252 01544 ]
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