पूर्व सांसद स्व. ताराचंद साहू के दामाद की मृत्यु पर मित्तल अस्पताल ने सात लाख रु. का बिल कोरोना वायरस के इलाज के नाम पर थमाया
शिव कुमार साहू
सतीश त्रिपाठी
दुर्ग जिले के पूर्व सांसद स्वर्गीय ताराचंद साहू की तीसरी पुत्री श्रीमती शुभलक्ष्मी साहू के पति शिव कुमार साहू का निधन हाल ही में मित्तल अस्पताल नेहरू नगर भिलाई में हो गया। उनकी मृत्यु का कारण हृदय गति रुक जाना बताया गया है। बीते कुछ समय से मित्तल अस्पताल, नेहरू नगर भिलाई में कोरोना के संक्रमण से बचाव के लिए भर्ती थे। कुछ दिनों बाद स्वस्थ होने की स्थिति में सामान्य वार्ड में उन्हें स्थानांतरित भी किया गया। शिवकुमार साहू अत्यंत सज्जन प्रकृति के और अत्यंत सरल व्यवहार के व्यक्ति थे। शिवकुमार साहू फेरो स्क्रैप निगम लिमिटेड में कर्मचारी थे। शिवकुमार साहू के दुखद मृत्यु के बाद लगभग ₹700000 से ज्यादा की रकम अस्पताल में खर्चे के रूप में जमा कर उनका पार्थिव शरीर प्राप्त किया गया और परिस्थिति अनुसार अंतिम संस्कार भी किया गया।
स्वाभिमान पार्टी के राष्ट्रीय महामंत्री सतीश कुमार त्रिपाठी ने इस विषय में जानकारी लेते हुए बताया कि लगभग ₹700000 से ज्यादा का बिल मित्तल अस्पताल में शिव कुमार साहू के नाम पर बनाया है। 14000 रु. का एक दिन का अस्पताल के कमरे का किराया लिया गया है। इसी प्रकार तमाम चीजों के अनाप-शनाप बिल लिए गए हैं। इस संदर्भ में त्रिपाठी ने श्री वीरेंद्र पांडेय से भी चर्चा की। जिस पर पांडेय ने कहा कि 7 दिनों की मोहलत देते हुए अस्पताल को स्पष्ट कहा जाए कि इस प्रकार का अनाप-शनाप बिल की वसूली रकम तत्काल वापस की जाए। सतीश कुमार त्रिपाठी ने सरकार द्वारा नियुक्त उद्यानिकी विभाग के उपसंचालक सुरेश ठाकुर से बात करते हुए उन्हें संपूर्ण जानकारी प्रदान कर दी है। सुरेश ठाकुर ने सभी बिलों को फोन के जरिए मंगवाया है और इस विषय पर तत्काल कार्यवाही करते हुए अनावश्यक रूप से वसूली गई रकम वापस करने का आश्वासन भी दिया है। त्रिपाठी का कहना है कि यदि इस संदर्भ में कार्यवाही नहीं की गई और शिव कुमार साहू जैसे सज्जन व्यक्ति के परिवार को लूटने का अस्पताल ने जो काम किया है उसको क्षमा पूर्वक वापस नहीं किया गया। तो मित्तल अस्पताल के खिलाफ आंदोलन करेंगे। त्रिपाठी ने कहा कि एक तरफ केंद्र सरकार ने डॉक्टरों और अस्पतालों के खिलाफ गलत व्यवहार को रोकने के लिए कानून बनाकर उन्हें संरक्षण प्रदान किया है दूसरी तरफ अस्पताल सरेआम मरीजों को लूटने का कार्य कर रहे हैं। जिस कोरोना वायरस की अब तक कोई दवाई नहीं बताई गई है। उसके इलाज के नाम पर 3 लाख रु. से ज्यादा की दवा के नाम पर रकम वसूलना घोर अन्याय और अत्याचार का प्रतीक है। त्रिपाठी ने बताया कि राज्य सरकार भी प्राइवेट अस्पतालों के साथ अनुबंध पूर्वक इस षड्यंत्र में भागीदार है। इसलिए 7 दिनों के समय के भीतर यदि अस्पताल कोई कार्यवाही नहीं करता है तो हम आंदोलन करेंगे। फिलहाल वीरेंद्र पांडेय बिहार चुनावों में व्यस्तता के कारण पटना में हैं। पार्टी के अधिकृत प्रत्याशियों के नामांकन हो जाने के पश्चात वे रायपुर लौटेंगे। वीरेंद्र पांडेय ने कहा है कि अस्पताल को शिवकुमार साहू से इस प्रकार ली गई राशि को तत्काल वापस किया जाना चाहिए।