हमेशा के लिए खत्म हो जाएगा कोरोना, वैज्ञानिकों ने किया दावा
अध्ययन में पाया गया है कि कोरोना वायरस को रोकने में इनहेल्ड लामा एंटीबॉडी उपचार में मदद कर सकते हैं.
अमेरिका के वॉशिंगटन में 6 नवंबर को वैज्ञानिकों ने लामाओं से छोटे और पॉवरफुल कोविड-19 वायरस एंटीबॉडी अंशों को निकालने की एक नई विधि का खोज किया है. कोरोनावायरस को रोकने तथा उसका उपचार करने की क्षमता के साथ इनहेलेबल थैरेप्यूटिक्स को उपयोग में लाया जा सकता है.
इन लामा एंटीबॉडी को नैनोबॉडी कहा जाता है जो मानव एंटीबॉडी से भी छोटी होती है. SARS-CoV-2 वायरस के प्रभाव को कम करने बहुत अधिक प्रभावी हैं, जो कोविड-19 वायरस का कारण बनता है.
शोधकर्ताओं ने वैली नाम की काली लामा को SARS-CoV-2 स्पाइक प्रोटीन के एक टुकड़े के साथ प्रतिरक्षित किया एवं लगभग 2 महीने के बाद, पशु की प्रतिरक्षा प्रणाली ने वायरस के खिलाफ परिपक्व नैनोबॉडी का उत्पादन किया.
शी की प्रयोगशाला में एक शोध सहायक युफेई जियांग ने मास स्पेक्ट्रोमेट्री-आधारित तकनीक का उपयोग करते हुए वैली के रक्त में नैनोबॉडी की पहचान की जो एसएआरएस-सीओवी -2 से सबसे अधिक मजबूती से जुड़ते हैं. वैज्ञानिकों ने तब SARS-CoV-2 वायरस को जीवित करने के लिए अपने नैनोबॉडी को एक्टिव किया और पाया कि एक नैनोग्राम के एक अंश से एक लाख कोशिकाओं को संक्रमित होने से बचाने के लिए पर्याप्त है और इससे वायरस को बेअसर किया जा सकता है.
“नैनोबॉडी संभावित रूप से बहुत कम खर्च पर उपलब्ध हो सकते हैं.