■लघुकथा : •महेश राजा. 4 years ago ●नमक का मोल -महेश राजा [ महासमुंद-छत्तीसगढ़ ] तालाबँदी के दौरान जीवनशैली बदल गयी थी।कोई भी काम अपनी रूटीन से न हो रहा था। वे...
■लघुकथा : •महेश राजा. 4 years ago ●ईमानदार नागरिक -महेश राजा [ महासमुंद-छत्तीसगढ़ ] प्रायः मुझे हर दूसरे दिन बस से शहर जाना होता था। बहुत पहले की बात है,तब किराया होता...
■रचना आसपास : •जितेन्द्र ‘कबीर’. 4 years ago ●बनेगा अपना देश महान -जितेन्द्र 'कबीर' [ जिला-चम्बा, हिमाचल प्रदेश ] कल तक थे जो चोर-बेईमान, वो बन गये हैं रातों-रात ही बड़े शरीफ इंसान,...
■लघुकथा : •डॉ.शैल चंद्रा. 4 years ago ●बरगद का वह पेड़ -डॉ. शैल चंद्रा [ नगरी,धमतरी-छत्तीसगढ़. ] बहुत अर्से के बाद मैं अपने शहर आई हुई थी। बचपन की यादों के फ्रेम...
■ लघुकथा : •मनीषा बनर्जी. 4 years ago ●बदली हुई चाल -मनीषा बनर्जी [ नागपुर-महाराष्ट्र ] डॉली ने अपने घर की बालकनी में कुछ चीनी के दाने बिखेर रखे थे चीटियों के लिए।साथ...
■आज़ पर्यावरण दिवस पर विशेष : •महेश राजा. 4 years ago ●पर्यावरण रक्षा -महेश राजा [ महासमुंद-छत्तीसगढ़ ] वे हर रोज की तरह घर के पीछे आँगन में पेड़-पौधों को पानी पिला रहे थे।साथ ही घाँस...
■विश्व सायकिल दिवस पर विशेष लघुकथा : •महेश राजा 4 years ago ●छोटी सी आशा -महेश राजा [ महासमुंद-छत्तीसगढ़ ] सायकिल को घर के अहाते में खड़ा कर उसने दोनों हाथ उठाकर आलस भगायी। आज के अखबार...
■दो लघुकथा : •महेश राजा. 4 years ago ●उनका रविवार सुबह के लगभग साढ़े नौ बज रहे थे।रीमा किचन में ही थी।भले ही आज रविवार था।पर,उसके हिस्से में पेन्डिंग काम की लंबी फेहरिस्त...
■दो लघुकथा : •विक्रम ‘अपना’. 4 years ago ●नोट छापने की मशीन दसवीं के बाद पोता, दादा जी से विषय चयन के लिए मार्गदर्शन लेने गया। मेडिकल स्टोर संचालक दादा जी ने उसे...
■लघुकथा : •दीप्ति श्रीवास्तव. 4 years ago ●उसकी गुमटी -दीप्ति श्रीवास्तव झाड़ के नीचे बढ़े हुए बाल और दाढ़ी लिए गुमसुम उदास बैठा कभी मोबाइल खोलता फिर स्क्रोल कर कोई एप देखता...