इनकी आवाज सुनकर चले आते हैं परिंदे, जाने अदभुत कहानी एक क्लिक पर 4 years ago बालोद के ग्राम देवरी में पक्षियों का प्रेमी एक ऐसा शख्स है जिसकी एक आवाज सुनते ही पक्षी चू चू कर उसके पास आ जाती...
लघुकथा 4 years ago ●बेड़ियाँ ●महेश राजा भांजी के जन्मदिन पर चाँदी की पायल जिसमें छोटे छोटे घूँघरू लगे थे,पहना कर वह बहुत खुश हो गयी। पुरानी बात ताजा...
लघुकथा 4 years ago ●नये वर्ष की पार्टी और पीली पड़ती आँखें ●महेश राजा रोशनियों की झिलमिलाहट के बीच शहर में हर तरफ पार्टियां चल रही थी।वर्ष 2020विदा हो...
लघुकथा 4 years ago ●नव वर्ष का स्वागत है ●महेश राजा बड़ी उदास सी घड़ी थी।2020 का आखरी दिन। बूढ़ा साल लाठी के सहारे धीरे धीरे क्षितिज की ओर...
कहानी 4 years ago ●नज़रिया ●डॉ. सोनाली चक्रवर्ती -"अरे मैं समझ रही हूं पर क्या करूं तेरे जीजा जी की यही जिद थी। तुम तो बस टिकट बुक करवाओ...
लघुकथा 4 years ago ●भूख तो रोज़ ही लगती है न ●महेश राजा अंतिम नजर बच्चों के टिफिन पर डालकर सुरेखा ने उनकी बेग मे रखे।पानी की बाटल भरदी।अब...
लघुकथा 4 years ago ●याददाश्त और जीवन की कटुता -महेश राजा भाई साहब कह रहे थे,क्या बात है,आजकल कुछ याद नहीं रहता..बात करते-करते भूल जाता हूं.....किसी को बहुत दिनों...
लघुकथा, सांपों के होते हुए- महेश राजा 4 years ago बारिश हो रही थी।तालाब में पानी भरने लगा था।शाम होते ही मेढ़कों ने टर्राना शुरु कर दिया था। मेंढ़की ने अपने मेंढ़क से कहा-,क्यों जी।यदि...
क्रिसमस के उपलक्ष्य पर लघुकथा, मानव धर्म -महेश राजा 4 years ago रीमा सुबह जल्दी उठकर पूजा पाठ आदि से निवृत होकर क्रिस्मस टी् सजा रही थी। अवि पास आकर खड़ा हो गया-"मम्मी आप यह सब क्यों...
लघुकथा, दिसम्बर माह की एक सर्द सुबह- महेश राजा 4 years ago मौसम ने एकाएक अपना मिजाज़ बदल लिया था।यह दिसंबर की अल्ल सुबह थी।वातावरण में कोहरा और नमी थी। शिव मंदिर के सामने बन रहे नये...