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- ■अगासदिया प्रेमचंद सम्मान : •ख्यातिलब्ध कथाकारा डॉ. नलिनी श्रीवास्तव को ‘अगासदिया सम्मान-2021’ से सम्मानित किया गया.
■अगासदिया प्रेमचंद सम्मान : •ख्यातिलब्ध कथाकारा डॉ. नलिनी श्रीवास्तव को ‘अगासदिया सम्मान-2021’ से सम्मानित किया गया.
■प्रतिष्ठित सम्मान ‘अगासदिया सम्मान’,प्रतिवर्ष प्रदेश के किसी एक कथाकार को दिया जाता है.
■इस वर्ष ये सम्मान साहित्य ऋषि पदुमलाल पुन्नालाल बख्शी की नातिन डॉ. नलिनी श्रीवास्तव को को दिया गया.
■डॉ. नलिनी श्रीवास्तव ने डॉ. पदुमलाल पुन्नालाल बख्शी साहित्य का संपादन किया.
■’अगासदिया प्रेमचंद सम्मान’ इसके पूर्व मीता दास, चंद्रशेखर साहू और भुवन वर्मा को दिया जा चुका है.
अगासदिया प्रेमचंद जयंती 2021 का महत्वपूर्ण साहित्यिक आयोजन प्रेस क्लब भवन कुम्हारी में सम्पन्न हुआ. मंचस्थ अतिथियों जितेन्द्र कुशवाहा सीएमओ, नारायण वर्मा अध्यक्ष ऋतंभरा साहित्य समिति, विक्रमशाह ठाकुर अध्यक्ष प्रेस क्लब, ओमनारायण वर्मा पार्षद, डा. अजय सहाय हिन्दी व छत्तीसगढ़ी फिल्म कलाकार, सालिक राम वर्मा से.नि.निदेशक कृषि विभाग, विनायक अग्रवाल रंगकर्मी, बुलाकी वर्मा सामाजिक कार्यकर्ता के करकमलों से कथा सम्राट मुंशी प्रेमचंद के छायाचित्र पर माल्यार्पण अर्पित कर कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ.
कलाकार राजेन्द्र साहू द्वारा सस्वर छत्तीसगढ़ राज्य का राजगीत गायन किया. हेमलाल साहू ने छत्तीसगढ़ी गीतों का सस्वर पाठ किया.
अगासदिया के अध्यक्ष, संपादक व लेखक डा. परदेशी राम वर्मा ने आधार वक्तव्य देते हुए कहा -“प्रेमचंद ने अपने साहित्य में अपने समय की सामाजिक विद्रुपताओं, स्वतंत्रता आंदोलन, किसानों, मजदूरों और पीड़ित ग्रामीणों की समस्याओं और संघर्षों को अंकित किया है.”
मुख्य अतिथि जितेन्द्र कुशवाहा ने प्रेमचंद को बीसवीं सदी का महानतम प्रगतिशील कथाकार बताते हुए कहा कि उनके बिना तत्कालीन कथा साहित्य की कल्पना नहीं की जा सकती.
इस अवसर पर अगासदिया द्वारा प्रकाशित “अगासदिया प्रेमचंद” कृति का विमोचन हुआ. इसमें प्रेमचंद की तीन कहानियों “पंच परमेश्वर”, “नमक का दरोगा” और “कफन” का छत्तीसगढ़ी अनुवाद प्रकाशित किया गया है. साथ ही इस कृति में “पंच परमेश्वर”, “नमक का दरोगा” का छत्तीसगढ़ी में नाट्य रूपांतरण भी किया गया है. अनुवाद और नाट्य रूपांतरण डा. परदेशी राम वर्मा ने किया है.
इस आयोजन में मुख्य आकर्षण प्रेमचंद की कहानियों का छत्तीसगढ़ी में अनुदित पाठ और नाट्य प्रस्तुति रही. “पंच परमेश्वर” कहानी का पाठ सुरेश वाहने ने, “कफन” का पाठ कन्हैया लाल बारले ने और “बुढ़ी काकी” का पाठ अशोक आकाश ने प्रस्तुत किया.
हेमंत मढ़रिया ने उक्त कहानियों पर साहित्यिक उपादेयता पर अपना वक्तव्य दिया.
रंगकर्मी महेश वर्मा के निर्देशन में “पंच परमेश्वर” नाटक का मंचन किया गया. विभिन्न पात्रों की भूमिका में राजेन्द्र साहू, रानी, यशवंत ठाकुर, राकेश मण्डारे, गंगा प्रसाद साहू, हेमंत साहू, विरेन्द्र साहू, जानकी मरकाम, निधि ने अभिनय किया.
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए नारायण वर्मा ने प्रेमचंद पर सारगर्भित वक्तव्य दिया. उन्होंने प्रेमचंद की परंपरा को आगे बढ़ाने का साहित्यकारों से आव्हान किया.
डा. अजय सहाय ने डा. परदेशीराम वर्मा को छत्तीसगढ़ का प्रेमचंद बताते हुए दोनों को साहित्य का अनमोल रत्न बताया.
कार्यक्रम में सालिक राम वर्मा, ओमनारायण वर्मा, महेश वर्मा ने भी अपना वक्तव्य दिया.
अगासदिया द्वारा प्रतिवर्ष अगासदिया प्रेमचंद सम्मान दिया जाता है. यह प्रतिष्ठित सम्मान 2021 के लिए डा. श्रीमती नलिनी श्रीवास्तव को उनके उत्कृष्ट साहित्यिक योगदान के लिए दिया गया. इस अवसर पर उन्होंने इसे अनमोल क्षण बताते हुए अगासदिया के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित की.
कार्यक्रम का संचालन नारायण चंद्राकर ने किया. इस अवसर पर छत्तीसगढ़ के आंचलिक रचनाकार, कलाकार, गणमान्य जनप्रतिनिधि, पत्रकार व वरिष्ठ नागरिकों की गरिमामयी उपस्थिति रही जिसमें मुख्य रूप से रज्जाक अहमद, लखनलाल साहू, डा. नौशाद सिद्दीकी, बिसरूराम कुर्रे, कामता प्रसाद दिवाकर, संजय श्रीवास्तव, संतोष महाराणा, अनुज शुक्ला, शैलेन्द्र खरे, रवीन्द्र थापा, राकेश सोनकर, ऋषि साहू, खिलेश्वर साहू, ध्रुव नायक, दिनेश राजपूत, गजेन्द्र टेमरे आदि शामिल हुए.
【 सुरेश वाहने,ब्यूरो प्रमुख, ‘छत्तीसगढ़ आसपास’. प्रिंट एवं वेबसाइट वेब पोर्टल, न्यूज़ ग्रुप समूह,रायपुर,छत्तीसगढ़. 】
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