■गणेश चतुर्थी पर गणेश वंदना. ■कुनाल राही.
♀ श्री गणेशजी
♀ कुनाल राही
[ पीलीभीत-उत्तरप्रदेश ]
सर्व देवो में प्रथम,
पुजते हैं श्री गणेश जी,
माता पिता गौरी शंकर,
से भी प्रथम,पुजें गणेश जी,
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गौरी ललन का पूजन,
करता प्रथम संसार है,
मात पिता से पहले
बेटे को नमस्कार है,
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1-ये ज्ञान का दाता,ये भाग्य विधाता,
श्रृद्धा से है झुकता,भक्तों का माथा,
ये अन्तर यामी, रिद्धि का स्वामी,
रिद्धि का स्वामी,सिद्धि का स्वामी,
ये लाभ करे है हमेशा,
शुभ देता समाचार है,
मात पिता से पहले,
बेटे को नमस्कार है,
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2-ये मात पिता के,है आंख का तारा,
ये ऐसा सुनलो,हुआ राजदुलारा,
जो लगाके चक्कर,अजी मात पिता के,
और प्रथम पुजता,ये मात पिता से,
क्या ज्ञान चलेगा इस पर,
ये स्वयं ज्ञान भंडार है,
मात पिता से पहले,
बेटे को नमस्कार है,
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3-लम्बोदर गणपत,गणराज कहाबे,
चढ़ मूषक वाहन,मूषक राज सुहाबे,
है शीश हांथी का,गजराज कहाबे,
राजो पे राज कर,महाराज कहाबे,
है राही निडर ये उत्तम,
वन्दना में बंद सत्कार है,
मात पिता से पहले,
बेटे को नमस्कार है।।
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