भारत के ओबीसी वर्ग के लोगो को केंद्र सरकार ने दिया बड़ा तोहफा, पढ़े पूरी खबर.
लोकसभा में सरकार ने अन्य पिछड़ा वर्ग से संबंधित संविधान (127वां संशोधन) विधेयक, 2021’ पेश किया गया है, जो राज्य सरकार और संघ राज्य क्षेत्र को सामाजिक तथा शैक्षणिक दृष्टि से पिछड़े वर्गों की स्वयं की राज्य सूची/संघ राज्य क्षेत्र सूची तैयार करने के लिए सशक्त बनाता है.
सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री डॉ. वीरेंद्र कुमार ने निचले सदन में अन्य पिछड़ा वर्ग से संबंधित संविधान (127वां संशोधन) विधेयक, 2021′ पेश किया. मंत्री वीरेंद्र कुमार ने कहा कि विभिन्न मुद्दों पर विपक्ष का विरोध राजनीतिक है. उन्होंने विधेयक के संबंध में कहा कि विपक्षी दलों के शासन वाले राज्यों के मुख्यमंत्री भी लगातार इसे लाने की मांग कर रहे हैं.
विधेयक के उद्देश्यों में यह कारण बताए,
विधेयक के उद्देश्यों एवं कारणों में कहा गया है कि संविधान 102वां अधिनियम 2018 को पारित करते समय विधायी आशय यह था कि यह सामाजिक और शैक्षणिक दृष्टि से पिछड़े वर्गों की केंद्रीय सूची से संबंधित है. यह इस तथ्य को मान्यता देता है कि 1993 में सामाजिक एवं शैक्षणिक दृष्टि से पिछड़े वर्गो की स्वयं की केंद्रीय सूची की घोषणा से भी पूर्व कई राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों की अन्य पिछड़े वर्गों की अपनी राज्य सूची/ संघ राज्य क्षेत्र सूची हैं.
राज्य सरकार और संघ क्षेत्र को सशक्त बनाता है बिल,
इसमें कहा गया है, ”यह विधेयक पर्याप्त रूप से यह स्पष्ट करने के लिए है कि राज्य सरकार और संघ राज्य क्षेत्र को सामाजिक और शैक्षणिक दृष्टि से पिछड़े वर्गो की स्वयं की राज्य सूची/संघ राज्य क्षेत्र सूची तैयार करने और उसे बनाये रखने को सशक्त बनाता है.”
विधेयक में संशोधन की जरूरत पर जोर,
विधेयक के उद्देश्यों में कहा गया है कि देश की संघीय संरचना को बनाए रखने के दृष्टिकोण से संविधान के अनुच्छेद 342क का संशोधन करने और अनुच्छेद 338ख एवं अनुच्छेद 366 में संशोधन करने की आवश्यकता है. यह विधेयक उपरोक्त उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए है.
विपक्षी दलों ने बिल को पास कराना तय किया,
इस दौरान लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि आज सभी विपक्षी दलों ने बैठक की और निर्णय लिया कि इस विधेयक पर सदन में चर्चा होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि हम अन्य पिछड़ा वर्ग के कल्याण से संबंधित इस विधेयक को पारित कराना चाहते हैं. उन्होंने कहा, हम विपक्ष की जिम्मेदारी समझते हैं. सभी विपक्षी दलों ने फैसला किया कि इस पर चर्चा कराके पारित कराया जाना चाहिए. इस विधेयक के साथ देश के पिछड़े वर्ग का संबंध है.
कांग्रेस बोली- हमने कहा था प्रदेशों के अधिकारों का हनन नहीं किया जाए,
कांग्रेस नेता चौधरी ने कहा कि इससे पहले जब 102वां संविधान संशोधन लाया गया था तो हमने कहा था कि प्रदेशों के अधिकारों का हनन नहीं किया जाए. लेकिन बहुमत के बाहुबल’ से सरकार हमारी बात नहीं सुनती. उन्होंने कहा, ”लेकिन आज जब हिंदुस्तान के आम लोग, अन्य पिछड़ा वर्ग के लेागों ने आंदोलन किया तो उनके डर से सरकार को यह विधेयक लाना पड़ा.” इस दौरान सदन में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी उपस्थित थीं.
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र की याचिका को खारिज कर दिया था,
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने 5 मई के बहुमत आधारित फैसले की समीक्षा करने की केंद्र की याचिका को खारिज कर दिया था, जिसमें यह कहा गया था कि 102वां संविधान संशोधन नौकरियों एवं दाखिले में सामाजिक एवं शैक्षणिक रूप से पिछड़े (एसईबीसी) को आरक्षण देने के राज्य के अधिकार को ले लेता है.