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■छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी : ■प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्य्क्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा-पूरी ख़बर को पढ़ें.
♀ गन्ना, गेहूं, चना सहित 7 फसलों के समर्थन मूल्य में अत्यल्प वृद्धि किसानों के साथ अन्याय.
♀ मात्र 2 प्रतिशत की वृद्धि से किसानों का भला नहीं होगा.
♀ किसानों पर अभूतपूर्व संकट पर पांच वर्षों में सबसे कम वृद्धि.
♀ फसलों का लागत मूल्य ग़लत ढंग से निकाल कर डेढ़ गुना मूल्य बता रहे हैं.
♀ न्यूनतम वृद्धि के लिए किसानों से माफी मांगे भाजपा की केंद्र सरकार.
♀ महंगाई दर में 5 प्रतिशत की बढ़ोतरी.
♀ छत्तीसगढ़ सरकार ने कर्मचारियों का महंगाई भत्ता 5 प्रतिशत बढ़ाया.
♀ पेट्रोल-डीज़ल के दामों में 30 से 40 प्रतिशत की बढ़ोतरी.
♂ रायपुर
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छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस विभाग के अध्य्क्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा- कि मोदी सरकार में डीजल महंगा, खाद महंगी, कीटनाशक महंगे, जीवनोपयोगी वस्तुयें महंगी, सब कुछ महंगा हो रहा है सिर्फ किसान की फसल का एमएसपी में कम बेहद कम वृद्धि की है जिसके लिये किसान विरोधी मोदी सरकार जिम्मेदार है। खरीफ में धान में बहुत कम वृद्धि करने के बाद रबी फसलों के एमएसपी में बेहद कम बढ़ोत्तरी कर मोदी सरकार ने किसानों से फिर धोखा किया।
रबी फसलों के समर्थन मूल्य के आंकड़े जारी करते हुये प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि छत्तीसगढ़ में भी किसान गन्ना, गेहूं, चना, मसूर और सरसों की खेती करते है। इन फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य में की गयी वृद्धि धान के समर्थन मूल्य में की गयी वृद्धि की ही तरह अपर्याप्त है।
गन्ना – ₹285 से ₹290 बढ़त 1.75 प्रतिशत
गेंहु – ₹1975 से ₹2015 बढ़त 2 प्रतिशत
सूरजमुखी – ₹5327 से ₹5441 बढ़त 2.14 प्रतिशत
जौ – ₹1600 से ₹1635 बढ़त 2.18 प्रतिशत
चना – ₹5100 से ₹5230 बढ़त 2.55 प्रतिशत
मसूर – ₹5100 से ₹5500 बढ़त 7.85 प्रतिशत
सरसों – ₹4650 से ₹5050 बढ़त 8.6 प्रतिशत
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि 20 जून, 2018 को नमो ऐप पर किसानों से बातचीत करते हुए खुद मोदी जी ने ‘लागत+50 प्रतिशत’ का आंकलन ‘C2’ के आधार पर देने का वादा किया था। मोदी ने स्पष्ट तौर पर कहा कि फसल की लागत मूल्य में किसान के मज़दूरी व परिश्रम + बीज + खाद + मशीन + सिंचाई + ज़मीन का किराया आदि शामिल किया जाएगा। लेकिन लागत का आकलन करते हुए मोदी सरकार ने समर्थन मूल्य तय करते समय इसी फ़ॉर्मूले को दरकिनार कर दिया है।
केंद्र सरकार फसलों की प्रति क्विंटल जो लागत मूल्य निकाली है, अगर इसमें सारे खर्च जोड़ दिए जाएं तो किसी भी सूरत में किसान की फसलों की लागत इससे बहुत अधिक पड़ती है। मोदी जी का किसानों की आय दोगुनी करने का वादा आज सिर्फ जुमला बन गया।
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने पूछा है कि खेती की लागत बढ़ रही है तो फसलों के दाम उसी अनुपात में क्यों नहीं बढ़े? लगातार कृषि आदानों खाद कीटनाशक दवा कृषि उपकरणों में जीएसटी लगने से दाम महंगे हो रहे है। डीजल के दामों में 30 प्रतिशत से 40 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुयी है। खाद, कीटनाशक दवायें महंगी हो रही है लेकिन इस पर किसान विरोधी मोदी सरकार का कोई ध्यान नहीं है। सिर्फ किसान की फसल ही मात्र ही मोदी सरकार को सस्ती चाहिये। महंगाई दर में 5 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी, छत्तीसगढ़ सरकार ने कर्मचारियों का महंगाई भत्ता 5 प्रतिशत बढ़ाया। ऐसी स्थिति में फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य में सिर्फ 2 प्रतिशत की वृद्धि अन्याय है।
【 ●राजन कुमार सोनी,ब्यूरो प्रमुख ‘छत्तीसगढ़ आसपास’ ●प्रिंट एवं वेबसाइट वेब पोर्टल, न्यूज़ ग्रुप समूह,रायपुर, छत्तीसगढ़. 】
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