■कविता आसपास. ■तारकनाथ चौधुरी.
3 years ago
123
0
♀ मुस्कान रख लो.
♀ तारकनाथ चौधुरी.
[ चरोदा, जिला-दुर्ग,छत्तीसगढ़. ]
पोंछकर अश्रु नयन से,अधर पर मुस्कान रख लो।
अँजुरि में जो मिले जीवन से उसका स्वाद चख लो।।
जन्म से ही साथ लाते,
हैं सभी क्रन्दन-कथा,
फिर प्रयासों से मनुज के
हर्ष बन जाती व्यथा।
तुम रखो विश्वास निज पर और अपना भाग लिख लो।
पोंछकर अश्रु नयन से,अधर पर मुस्कान रख लो।।
कब हुईं हैं तृप्त इच्छायें,
यहाँ पर तुम कहो ?
इसलिए तजकर हताशा,
तुम भी सरिता सम बहो
पाना है अमृत-कलश यदि सिंधु सा स्वयं को मथ लो।
पोंछकर अश्रु नयन से,अधर पर मुस्कान रख लो।।
मन कबीरा सा हुआ यदि
जो मिले संतोष है
अपने सच्चे श्रम का बंधु
ये परम परितोष है।
प्रेम की उँगली पकड़ जीवन चलन हे सहज कर लो।
पोंछकर अश्रु नयन से,अधर पर मुस्कान रख लो।।
■कवि संपर्क-
■83494 08210
●●● ●●●