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- ■छत्तीसगढ़ :किसानों को मोदी पर विश्वास नहीं-मोहन मरकाम.
■छत्तीसगढ़ :किसानों को मोदी पर विश्वास नहीं-मोहन मरकाम.
♀ मोदी के जुमलेबाजी को जनता समझ गई इसलिए किसान आंदोलन से खत्म करने तैयार नहीं.
♀ मोदी के जुमलेबाजी को अब बच्चे भी समझ चुके हैं और ये तो अन्नदाता हैं.
■रायपुर
केन्द्र सरकार के कृषि बिल वापसी की घोषणा के बाद भी किसानो का आंदोलन समाप्त नही करने के निर्णय पर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि अब जनता को मोदी की बातों पर विश्वास नहीं रहा.प्रधानमंत्री नरेंद्र जनता के विस्वास के संकट से गुजर रहे हैं। मोदी ने जब तीन कृषि बिल वापसी की बात सोची होगी, तो कल्पना की होगी कि वे जैसे ही टीवी पर आकर बिल वापसी का ऐलान और किसानों से वापस लौट जाने की अपील करेंगे किसान उनकी गुणगान करते हुए वापस लौटने लगेंगे .किसानो ने घोषणा जब तक संसद में बिल वापस नही होगा धरना जारी रहेगा ठीक कदम है।जब अध्यादेश ला कर जल्दबाजी में कानून बनाया जा सकता है तो तत्काल संसद सत्र बुला के वापस भी किया जा सकता है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि मोदी के जुमलेबाजी को अब बच्चे भी समझ चुके है अौर ये तो अन्नदाता है . मोदी ये भी कहे थे पंद्रह पंद्रह लाख रुपये मिलेगें किसीको नहीं मिला ?100 दिनों में महंगाई कम करने की बात कहा था उल्टा महंगाई बेलगाम हो गई। दो करोड़ युवाओं को प्रतिवर्ष रोजगार देने का वादा सब झूठा वादा था इसलिये किसान मोदी पर विश्वास नहीं कर पा रहे।
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि तीनों कृषि बिल वापसी के ऐलान के बाद भी किसानों का आंदोलन में डटे रहना मोदी की साख के लिए इतना ज्यादा घातक है कि सोचा भी नहीं जा सकता। लोग सवाल उठाएंगे कि अब तो कृषि बिल वापसी का ऐलान हो गया, अब किसान वापस क्यों नहीं जा रहे। जवाब मिलेगा कि इन्हें प्रधानमंत्री की ज़ुबान पर भरोसा नहीं है, जब तक संसद में बिल वापस नहीं हो जाता तब तक हम नहीं हिलेंगे। यानी किसानों को डर है कि ये शख्स बिल वापसी का ऐलान करके हमें घर भेज सकता है, हमारा आंदोलन खत्म करा सकता है और फिर बिल वापस भी नहीं लेगा।
प्रधानमंत्री की विश्वसनीयता पर इससे बड़ा सवाल कोई हो ही नहीं सकता कि वे खुद आए, खुद ऐलान किया, तब भी किसान कह रहे हैं कि नहीं पहले संसद में वापस लो, तुम्हारा क्या भरोसा।और उनके पास दलील यह है कि पहले के वादे कौनसे पूरे हुए?
अब तक उनके गलत निर्णयों से देश को नुकसान होता रहा है।
■सुशील आनंद शुक्ला
[ संचार प्रमुख, छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी ]
■प्रेषक : राजन कुमार सोनी
[ ब्यूरो प्रमुख ‘छत्तीसगढ़ आसपास’ ]
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