युवाओं के लिए सुनहरा मौका! 6 लाख से भी अधिक युवाओं को मिल सकता है जबरदस्त जॉब, इस योजना के जरिए मिलेगी मदद
केंद्र सरकार ने ‘नेशनल अप्रेंटिसशिप ट्रेनिंग स्कीम’ को आगे और 5 साल बढ़ाने की घोषणा की है. इसकी जानकारी केंद्रीय वाणिज्य औ उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने एक ट्वीट के माध्यम से दी. पीयूष गोयल ने कहा कि इस ट्रेनिंग स्कीम की मदद से 9 लाख युवाओं को सीखने और कमाने का मौका मिलेगा. सरकार की इस स्कीम के जरिये युवाओं को ट्रेनिंग दी जाएगी ताकि वे रोजगार के लिए सक्षम हो सकें. केंद्र सरकार के मुताबिक, ‘नेशनल अप्रेंटिसशिप ट्रेनिंग स्कीम’ (NATS) को अगले 5 साल के लिए बढ़ा दिया गया है. इसके लिए सरकार 3,054 करोड़ रुपये की सहायता राशि देगी. एनएटीएस प्रोग्राम के अंतर्गत 9 लाख युवाओं को ट्रेनिंग दी जाएगी. सरकार का कहना है कि इस ट्रेनिंग प्रोग्राम के चलते अगले 5 साल में 7 लाख युवाओं को रोजगार देने में मदद मिलेगी.
NATS प्रोग्राम में जिन युवाओं को ट्रेनिंग दी जाएगी, वे 8,000-9,000 रुपये का स्टाइपेंड पा सकेंगे. इस ट्रेनिंग प्रोग्राम में इंजीनियरिंग, ह्यूमेनिटीज, साइंस और कॉमर्स के छात्रों को शामिल किया जाएगा. सरकार की योजना के अनुसार अप्रेंटिसशिप ट्रेनिंग प्रोग्राम में हिस्सा लेने वाले छात्रों को मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग, मेडिकल डिवाइसेस मैन्युफैक्चरिंग, फार्मा सेक्टर और ऑटोमोबाइल सेक्टर में ट्रेनिंग दी जाएगी.
सरकार ने अगले 5 वर्षों के लिए इस ट्रेनिंग प्रोग्राम पर 3,000 करोड़ रुपये खर्च करने को मंजूरी दी है. यह राशि पिछले 5 वर्षों के खर्च से 4.5 गुना अधिक है. राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में अप्रेंटिसशिप पर जोर देने की वकालत की गई है. इसे देखते हुए ही एनएटीएस प्रोग्राम पर खर्च होने वाली राशि का मद बढ़ाया गया है. हर क्षेत्र के युवाओं को ट्रेनिंग देकर रोजगार के लायक बनाया जा सके, इसके लिए सरकार ने अलग-अलग विषयों के छात्रों को अप्रेंटिसशिप ट्रेनिंग देने की सुविधा शुरू की है. आर्ट्स, साइंस, कॉमर्स और इंजीनियरिंग के छात्र इस ट्रेनिंग प्रोग्राम में शामिल होंगे. स्कीम का मकसद छात्रों की कौशल क्षमता को बढ़ाकर रोजगार पाने लायक बनाना है. अगले 5 साल में इससे 7 लाख युवाओं को रोजगार दिया जा सकेगा.
छात्रों को मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग, मेडिकल डिवाइसेस मैन्युफैक्चरिंग, फार्मा सेक्टर और ऑटोमोबाइल सेक्टर में ट्रेनिंग देकर प्रोडक्शन लिंक्ड इनसेंटिव (PLI) से जोड़ा जाएगा. पीएलआई स्कीम से जुड़ने के बाद ट्रेनिंग पाए युवा खुद का रोजगार शुरू कर सकते हैं. ‘आत्मनिर्भर भारत’ की दिशा में यह कारगर कदम हो सकता है. स्कीम की मदद देश में कुशल और ट्रेंड लोग तैयार होंगे जिनकी मदद कंपनियां या उद्योग क्षेत्र ले सकते हैं. औद्योगिक क्षेत्र में नौकरियों की मांग बढ़ेगी जिससे रोजगार बढ़ाने में मदद मिलेगी. सरकार ने अभी हाल में गति शक्ति मिशन शुरू किया है जिसके लिए भविष्य में बड़े पैमाने पर प्रशिक्षित युवाओं की जरूरत होगी. अप्रेंटिसशिप प्रोग्राम में ट्रेनिंग पाए युवा गति शक्ति मिशन में जुड़ सकेंगे.