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- ■छत्तीसगढ़ में सनातन धर्म खतरे में है न कि आदिवासी संस्कृति ?
■छत्तीसगढ़ में सनातन धर्म खतरे में है न कि आदिवासी संस्कृति ?
■रायपुर
भारतीय जनता पार्टी के नेताओ द्वारा धर्मांतरण पर दिये बयान को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने भारतीय जनता पार्टी के नेताओ का राजनैतिक प्रलाप बताया है ।छत्तीसगढ़ में धर्मांतरण विरोधी कानून लागू है ,कोई भी व्यक्ति किसी को जबरिया या प्रलोभन दे कर धर्मांतरण करवाता है तो उसके खिलाफ कानूनी कार्यवाही के रास्ते खुले हैं ।मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पुलिस को स्पष्ट निर्देश दिया हुआ है कि कही भी धर्मांतरण की कोई भी शिकायत आये तो उस पर तत्काल कड़ी कार्यवाही की जाय ।धर्म व्यक्ति की निजी आस्था का विषय है संविधान सभी व्यक्ति को उसकी इच्छा के अनुसार धर्म के पालन की छूट देता है ।भाजपा धर्म के आधार पर विद्वेष फैला कर प्रदेश का माहौल खराब कर रही।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि भाजपा आदिवासी संस्कृति के नाम पर घड़ियाली आंसू मत बहाए ।छग में आदिवासी संस्कृति की जड़े बहुत गहरी समृद्ध और मजबूत है ।कोई उस पर प्रहार नही कर सकता।भारतीय जनता पार्टी के 15 सालों के सरकार के समय जरूर आदिवासी संस्कृति को दबाने का प्रयास हुआ था लेकिन छग में कांग्रेस की सरकार आने के बाद आदिवासी संस्कृति आदिवासी समाज की आर्थिक शैक्षणिक उन्नति के रास्ते खोले गए आदिवासियों को जेलों में बन्द करने के भाजपाई कुचक्र पर विराम लगाया गया।विश्व आदिवासी दिवस की छुट्टी और आदिवासी नृत्य महोत्सव के द्वारा छत्तीसगढ़ की पुरातन आदिवासी सभ्यता को सहेजने और संरक्षित करने और दुनिया के सामने आदिवासी गौरव गाथा को लाने का काम मुख्यमंत्री भपेश बघेल की सरकार ने किया
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि छत्तीसगढ़ में धर्मांतरण की बाते भारतीय जनता पार्टी का दिमाकी फितूर मात्र है।राज्य में धर्मांतरण जैसी कोई गतिविधियां चल ही नही रही है ।अपने राजनैतिक अस्तित्व को बचाने भाजपा धर्मांतरण और साम्प्रदायिकता जैसे मुद्दों को आजमाने की कुचेष्टा लगातार कर रही उसमें वह कभी सफल नही होगी।
[ ●राजन कुमार सोनी,ब्यूरो प्रमुख ‘छत्तीसगढ़ आसपास’. ]
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