■कविता : प्रकाश चन्द्र मण्डल.
3 years ago
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♀ आई होली आई
♀ प्रकाश चन्द्र मण्डल
[ भिलाई-छत्तीसगढ़ ]
नाचे झुमे गाए साथी
सब एक दुजे के संग
गिलास भर दुध लिए
मिलाकर उसमें भांग।
गुजिया मिठाई और भजिया
खाएं उसके संग
पीकर भांग नाचे उमंग
हो जाएं मस्त मलंग।
हर गली में ढोल नगाड़े
बाजे और मृदंग
आओ मिलकर नाचे गाए
रंग गुलाल भभूती के संग।
आज फिर देखो आया मौका
नफ़रत को आहूति देने का
जला दें अपने मन का मैल
तब जलाएं होलिका।
हर गली में मचा दे शोर
आई होली आई
आओ मिलकर खेले होली
भुलकर निराशा और दुःख सारी।
रंग लगाके सबके माथे
करो लाल नीला और गुलाबी
जीवन में रंग भरो भाई सबके
धो डालो सब खराबी।
प्यार को जगाकर नई उमंग
खेलों प्यार के रंग
आओ मिलकर खेले होली
हो जाएं मस्त मलंग।
■कवि संपर्क-
■94255 75471
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