■कविता आसपास : उज्ज्वल पांडेय [धनबाद झारखंड].
3 years ago
297
0
♀ ओह स्त्रियां
पौराणिक कहानियों में
जब कभी
संतान प्राप्ति का यज्ञ हुआ
पुत्रों के लिए हुआ..
भारतीय सभ्यता के
सबसे बड़े नायक के जन्म का ज़रिया भी
बताया जाता है
पुत्रकामेष्टि यज्ञ
बेटों के लिए
हवन हुए
बेटियों का हनन हुआ
बेटों के लिए
आहुतियाँ दी गई
बेटियाँ आहुतियाँ बनी
ओह!
हक़ीक़त तो हक़ीक़त
कथा-कहानियों
और
कल्पनाओं तक में भी
पुरुष प्रधान समाज द्वारा
हाशिये पर ही रखी गई स्त्रियाँ।
●●●
♀ बंदिशें
धर्म
वर्ण
जाति
कुंडली
गणनाएं
दिन-तिथियाँ
गुण-दोष
ग्रह
नक्षत्र
गोत्र
परिवार
ख़ानदान
संपत्ति
चल-अचल
तिलक दान दहेज
इतनी जंज़ीरें टूटेंगी
तब कहीं संभव है
कि बचे वजूद प्रेम का।
●●●
■कवि संपर्क-
■82526 27135
◆◆◆ ◆◆◆ ◆◆◆