- Home
- Chhattisgarh
- ■दुर्ग : ट्वीनसिटी की आधार है शिवनाथ अब प्रदूषित हो, हांफने लगी.
■दुर्ग : ट्वीनसिटी की आधार है शिवनाथ अब प्रदूषित हो, हांफने लगी.
♀ शिवनाथ को बचाने, साफ सुथरा व अविरल रखने आएं दुर्गवासी-संजय मिश्रा.
♀ शिवनाथ बचाओ अभियान फिर गतिशील…
■दुर्ग-भिलाई :
समन्वय सहयोग और संवाद को आधार मानकर नदी संरक्षण के लक्ष्य को पूरा करने दुर्ग शिवनाथ बचाओ अभियान की गतिशीलता बनी हुई है। शिवनाथ नदी दुर्ग जिले की जीवनधारा है। इसी जीवनधारा को सहेजने प्रतिमाह की पूर्णिमा को शिवनाथ नदी की आरती की जाती है। लोगों को नदी के प्रति आस्था से जोड़ने का यह एक प्रयास है जो शिवनाथ बचाओ अभियान के तहत एक संस्था कर रही है। जनसुनवाई फाउंडेशन नामक सामाजिक संस्था ने शिवनाथ सेवा मंडल का गठन कर इस अभियान को सफल बनाने के लिए दुर्ग भिलाई के लोगों को नदी संरक्षण के प्रति जिम्मेदारी समझने व निभाने के लिए जोड़ने का कार्य कर रही है।
ज्येष्ठ पूर्णिमा पर हुई श्रेष्ठ शिवनाथ आरती – दुर्ग महमरा एनीकट तट पर मंगलवार को ज्येष्ठ पूर्णिमा के उपलक्ष्य में नदी की आरती की गई। जिसमें कुछ श्रेष्ठजनों ने अपनी आस्था का दीप जलाकर शिवनाथ की आरती की। नदी को प्रदूषण मुक्त करने का संकल्पित लौ प्रज्वलित करते हुए भाजपा के जिला महामंत्री शंकरलाल देवांगन ने अपने जन्मदिन के मौके पर नदी की प्रथम आरती की एवं पूजापाठ कर नदी तट पर पौधरोपण करने का संकल्प लिया।
श्री कृष्ण भगवान का बाल चित्र देकर लोगों ने जन्मदिन की बधाई देवांगन जी को दिया। शिवनाथ आरती का अनवरत प्रबन्ध करने वाले वरिष्ठ समाजिक चिंतक शिक्षाविद व मंडल के संरक्षक बृजमोहन उपाध्याय ने उक्त अवसर को यादगार बनाते हुए सपत्नीक आरती पूजन कर नदी की आरती उतारी। इस मौके पर बृजमोहन उपाध्याय ने कहा कि नदियां हमारी आस्था हैं। नदी को संपूर्णता में देखा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि जैसे हमारे शरीर मे रक्त प्रवाह होता है वैसे ही नदी के शरीर मे जल-प्रवाह,लेकिन जैसे हम रक्त प्रवाह को पूरा शरीर नही मान लेते वैसे ही हमे जल प्रवाह को नदी नही मान लेना चाहिए। हमे शिवनाथ नदी के स्वभाव ,प्रकृति,जीवन प्रक्रिया उसके वैशिष्ट को गहराई से समझना होगा और नदी के रखरखाव,साफ सफाई,नदी किनारे वृक्षारोपण के कार्यक्रम को अनवरत करना चाहिए। आरती के पश्चात खीर का प्रसाद वितरण किया गया। इस दौरान प्रमुखरूप से शंकरलाल देवांगन, अनिता उपाध्याय, दिनेश मिश्र सपत्नीक, बृजमोहन उपाध्याय, शिवाजी सिंह,संजय मिश्रा, सरोज देवी,अर्पण भुवाल, विनीत साहू, सरला चंद्राकर,मीणा साहू,विक्रम सिंह सहित अन्य लोग उपस्थित रहे।
शिवनाथ का प्रदूषण जनमानस को पड़ेगा भारी
शिवनाथ नदी के तट पर बसा दुर्ग और सटा हुआ भिलाई शहर इसी नदी की बदौलत फल फूल रहा है। इसी शिवनाथ का जल पीकर लोग जीवित हैं लेकिन अब बाजारीकरण व आधुनिकता की चौड़ाई में नदी के प्रति आस्था व जिम्मेदारी सिकुड़ती जा रही है। शहर का नाला व कचरा नदी की गोद मे समा रहा है। जिससे नदी की अस्मिता व जैविक तंत्र पर बुरा असर पड़ रहा है। लोग नदी में ही अपनी आस्था का अवशेष व घर का कचरा दोनों डाल रहे हैं। औद्योगिकीकरण ने तो नदी के पाटों को पाट कर सीमित करने का लक्ष्य बना लिया है। प्रशासन मौन स्वीकृति के साथ तमाशबीन बना हुआ अपनी लाचारी का रोना रोते हुए जिम्मेदारी से मुक्ति पाने की ही फिराक में रहता है। निगम ने शिवनाथ नदी तट पर कचरा फेकने पर जुर्माना लगाए जाने की बात लिखा कर अपना फर्ज पूरा होना समझ लिया है। लोगों में कोई नैतिकता लगता है बची ही नही है।धुआंधार गन्दगी नदी में ही डाली जा रही है। बढ़ता प्रदूषण ही चिंता का कारण है। नदी को इससे बचाना होगा। अन्यथा बगैर शिवनाथ जीवन बचाना मुश्किल हो जाएगा,जब जल व जल की श्रोत नदी ही नही प्रवाहमान रहेगी तो जीवन कहाँ से गतिमान रहेगा। इसलिए जनमानस को अब चेतना होगा। शिवनाथ बचाओ अभियान के संयोजक संजय मिश्र ने सभी लोगों का अभिनंदन करते हुए अधिक से अधिक संख्या में लोगों को शिवनाथ बचाओ अभियान में जुड़ने की अपील की है। ताकि अपनी सदानीरा जीवनदायिनी को बचाया जा सके।
शिवनाथ में गन्दगी और प्रवाहित पूजन अवशेष
जनजागरूकता से ही बदलाव संभव –
हालांकि शिवनाथ की इस दुर्दशा को देखकर शहर के कुछ लोग आगे आकर लोगों में जागरूकता लाने का प्रयास कर रहे हैं। शिवनाथ सेवा मंडल का गठन कर स्वयंसेवी संस्था जनसुनवाई फाउंडेशन ने शिवनाथ बचाओ आंदोलन की शुरुवात दो वर्ष पहले से ही कर दी है। विभिन्न आयामो व कार्यक्रमो के साथ इस अभियान को गति दी जा रही है। शिवनाथ महोत्सव की शुरुवात भी शिवनाथ सेवा मंडल ने की और भारत के जल पुरुष डॉ राजेन्द्र सिंह को भी शिवनाथ तट पर लाकर जल सम्मेलन कराया। लोगों को आस्था से जोड़ने हर माह की पूर्णिमा को सायंकाल मे शिवनाथ नदी की शिवगंगा आरती भी दुर्ग तट पर की जाने लगी जिससे लोग जुड़ते गए । विभिन्न आयोजनों के माध्यम से शिवनाथ बचाओ अभियान तेजी से चर्चा में आ गया जनप्रतिनिधियों व शासन को पत्र लिखकर जिम्मेदार संस्था ने अपनी जिम्मेदारी भी निभाई लेकिन वादें हैं वादों का क्या। शासन प्रशासन वादा एवं आस्वासन को चने मुर्रे की भांति रोज खाता और डकारता है। अब जो कुछ हो सकता है वो सिर्फ जनजागरूकता के साथ ही हो सकेगा। स्वच्छता के साथ ही साथ प्रशासन का डंडा भी गन्दगी करने वालों पर चलना लाजमी है। इस ओर जिला प्रशासन व निगम प्रशासन को निहारना पड़ेगा और कठोर कार्रवाई करना पड़ेगा तभी शिवनाथ के अस्तित्व रक्षा की कुछ बात बनेगी। युवाओं का जुड़ना इस अभियान की सार्थकता होगी अतएव दुर्ग भिलाई व क्षेत्रीय जनमानस के जुड़ाव हेतु अपील की जा रही है।
■■■ ■■■