• Article
  • ⏩ 12 अगस्त- भोजली पर्व पर विशेष

⏩ 12 अगस्त- भोजली पर्व पर विशेष

2 years ago
1203

छत्तीसगढ़ का लोकपर्व भोजली
प्रो. अश्विनी केशरवानी

श्रावण मास में जब प्रकृति अपने हरे परिधान में चारों ओर हरियाली बिखेरने लगती है तब कृषक अपने खेतों में बीज बोने के पश्चात् गांव के चैपाल में आल्हा के गीत गाने में मग्न हो जाते हैं। इस समय अनेक लोकपर्वो का आगमन होता है और लोग उसे खुशी खुशी मनाने में व्यस्त हो जाते हैं। इन्हीं त्योहारों में भोजली भी एक है। कृषक बालाएं प्रकृति देवी की आराधना करते हुए भोजली त्योहार मनाती हैं। जिस प्रकार भोजली एक सप्ताह के भीतर खूब बढ़ जाती है, उसी प्रकार हमारे खेतों में फसल दिन दूनी रात चैगुनी हो जाये… और वे सुरीले स्वर में गा उठती हैं:-
अहो देवी गंगा !
देवी गंगा, देवी गंगा, लहर तुरंगा,
हमर भोजली दाई के भीजे आठों अंगा।
अर्थात् हमारे प्रदेश में कभी सूखा न पड़े। वे आगे कहती हैं:-
आई गईस पूरा,
बोहाइ गइस कचरा।
हमरो भोजली दाई के,
सोन सोन के अचरा।।
गंगा माई के आगमन से उनकी भोजली देवी का आंचल स्वर्ण रूपी हो गया। अर्थात् खेत में फसल तैयार हो रही है और धान के खेतों में लहलहाते हुए पीले पीले बाली आंखों के सामने नाचने लगती है। कृषक बालाएं कल्पना करने लगती हैं:-
आई गईस पूरा, बोहाइ गइस मलगी।
हमरो भोजली दाई के सोन के कलगी।।
लिपी पोती डारेन, छोड़ डारेन कोनहा,
सबो लाली चुनरी, भोजली पहिरै सोनहा।
आई गिस पमरा बोहाई गिस डिटका,
हमरो भोजली दाई ला चंदन के छिटका।।
यहां पर धान के पके हुए गुच्छों से युक्त फसल की तुलना स्वर्ण की कलगी से की गई है। उनकी कल्पना सौष्ठव की पराकाष्ठा पर पहुंच जाती है। फसल पकने के बाद क्या होता है देखिये उसकी एक बानगी:-
कुटी डारेन धाने, छरी डारेन भूसा।
लइके लइके हवन भोजली झनि होहा गुस्सा।।
अर्थात् खेत से धान लाकर कूट डालें इससे ठरहर चांवल और भूसा अलग अलग कर डालें। चंूकि यह नन्ही नन्ही आलिकाओं के द्वारा किया गया है, अतः संभव है कुछ भूल हो गयी हा ? इसलिए नम्रता पूर्वक वे क्षमा मांग रही हैं। ‘‘झनि होहा गुस्सा‘‘ और उस बांस के कोठे में रखा हुआ अनाज कैसा है इसके बारे में वे कहती हैं:-
बांसे के टोढ़ी मा धरि पारेन चांउर,
महर महर करे भोजली के राउर।।
देवी को समीप्य जन्य घनिष्ठता के कारण कुदुरमाल मेला चलने और श्रद्धा भक्ति की औपचारिका से आगे बढ़कर संगीनी की तरह पान का बीड़ा खिलाने की बात कही जाती है। देखिए एक बानगी –
कनिहा म कमरपट्टा, हाथ उरमाले,
जोड़ा नरियर धर के भोजली दाई जाबो कुदुरमाले।
नानमुन टेपरी म बोयेन जीरा धाने,
खड़े रहा भोजली दाई खवाबो बीरा पाने।।
सावन महिना के कृष्ण पक्ष अष्टमी नवमीं को भोजली बोई जाती है और रक्षाबंधन के दूसरे दिन उसका विसर्जन किया जाता है । उसकी सेवा गीत गायी जाती है –
आठे के चाउर, नवमीं बोवाइन
दसमी के भोजली, जराइ कस होइन।
एकादशी के भोजली, दूदी पान होइन।
दुआस के भोजली मोती पानी चढ़िन।
तेरस के भोजली, लसि बिहंस जाइन।
चोदस के भोजली पूजा पाहुर पाइन।
पुन्नी के भोजली ठंडा होये जाइन।।
समस्त फसलों के राजा धान को बालिका ने बांस के कोठे में रख दिया है जिसके कारण उनकी सुदर महक चारों ओर फैल रही है। कृषकों का जीवन धान की खेती पर ही अवलंबित होता है अतः यदि फसल अच्छी हो जाये तो वर्ष भर आनेद ही आनेद होगा अन्यथा दुख के सिवाय उनको कुछ नहीं मिलेगा। फिर धान केवल वस्ततु मात्र तो नहीं है, वह तो उनके जीवन में देवी के रूप में भी है। इसीलिए तो भोजली देवी के रूप में उसका स्वागत हो रहा है:-
सोने के कलसा, गंगा जल पानी,
हमरों भोजली दाई के पैया पखारी।
सोने के दिया कपूर के बाते,
हमरो भोजली दाई के उतारी आरती।।
सोने के कलश और गंगा क ेजल से ही कृषक बाला उनकी पांव पखारेंगी। जब जल कलश सोने का है तो आरती उतारने का दीपक भी सोने का होंना चाहिए। कल्पना और भाव की उत्कृष्टता पग पग पर छलछला रही है… देखिये उनका भाव:-
जल बिन मछरी, पवन बिन धान,
सेवा बिन भोजली के तरथते प्रान।
जब भोजली देवी की सेवा-अर्चना की है तो वरदान भी चाहिये लेकिन अपने लिए नहीं बल्कि अपने भाई और भतीजों के लिए, देखिये एक बानगी:-
गंगा गोसाई गजब झनि करिहा,
भइया अऊ भतीजा ला अमर देके जइहा।
भारतीय संस्कृति का निचोड़ मानों यह कृषक बाला है, भाई के प्रति सहज, स्वाभाविक, त्यागमय अनुराग की प्रत्यक्ष मूर्ति ! ‘‘देवी गंगा देवी गंगा‘‘ की टेक मानों वह कल्याणमयी पुकार हो जो जन-जन, ग्राम ग्राम को नित ‘‘लहर तुरंगा‘‘ से ओतप्रोत कर दे। सब ओर अच्छी वर्षा हो, फसल अच्छी हो और चारों ओर खुशहाली ही खुशहाली हो…!
भोजली का पर्व रक्षा बंधन के दूसरे दिन मनाया जाता है। इस दिन संध्या 4 बजे भोजली लिए बालिकाएं घरों से निकलकर गांव के चैपाल में अथवा राजा, जमीदार या गौंटिया के घर में इकट्ठा होती हैं। वहां उसकी पूजा अर्चना के बाद बाजे गाजे के साथ उनका जुलूस निकलता है। गांव का भ्रमण करते हुए भोजलियों का जुलूस नदी अथवा तालाब में विसर्जन के लिए ले जाया जाता है। इस अवसर पर ग्रामीण बालाएं नये नये परिधान धारण कर अपने भोजली को हाथ में अथवा सिर में लिए आती हैं। वे सभी मधुर कंठ से भोजली गीत गाते हुए आगे बढ़ती हैं। नदी अथवा तालाब के घाट को पानी से भिगोकर घोया जाता है फिर भोजली के वहां पर रखकर उनकी पूजा-अर्चना की जाती है फिर उसका जल में विसर्जन किया जाता है। बालाएं भोजली की बाली को लिए मंदिरों में चढ़ाती हैं। इस दिन अपने समवयस्क बालाओं के कान में भोजली की बाली लगाकर ‘‘भोजली‘‘ अथवा ‘‘गींया‘‘ बदने की प्राचीन परंपरा है। जिनसे भोजली अथवा गींया बदा जाता है उसका नाम जीवन भर नहीं लिया जाता और भोजली अथवा गींया संबोधित किया जाता है। माता-पिता भी उन्हें अपने बच्चों से बढ़कर मानते हैं। उन्हें हर पर्व और त्योहार में आमंत्रित कर सम्मान देते हैं। इसके अलावा घर और गांव में अपने से बड़ों को भोजली की बाली को देकर आशीर्वाद लिया जाता है और छोटों को देकर अपना स्नेह प्रकट करती हैं। भोजली, छत्तीसगढ़ में मैत्री का बहुत ही संुदर और पारंपरिक त्योहार है। इसकी तुलना आज के फ्रेंड्स डे से की जा सकती है।
भोजली गीत को बाबु प्यारेलाल गुप्त चार भागों में वर्गीकृत करते हैं:-
1. भोजली के जन्म और जल में विसर्जिक करने का वर्णन।
2. ग्ंागा देवी से भोजली के अंगों को भिगा देनी की प्रार्थना।
3. भोजली की सेवा, प्रशंसा और वरदान के गीत।
4. प्रबंध कथात्मक गीत।
उनके कथनानुसार भोजली बोते समय गीतों को प्रश्नोत्तर शैली में गाया जाता है। जैसे किसके घर
क्ी टोकरी, किसके घर की मिट्टी और किसके घर की जवा भोजली है।
कुम्हार घर के खातू माटी, तुनिया घर के टुकनी।
बइगा घर के जवा भोजली, चढ़य मोतिम पानी।। अहो देवी गंगा
एक अन्य भोजली गीत:-
कंडरा घर के चुरकी, कुम्हार घर के खातू।
राजा घर के जवा भोजली लिहय अवतारे।। अहो देवी गंगा
डाॅ. पीसीलाल यादव के अनुसार प्रत्येक जाति की बालाएं भोजली उगाती हैं। किंतु लोधी जाति में इस पर्व को विशेष रूप से मनाया जाता है। लोधी बहुल गांव में भोजली का विशंष आकर्षण होता है। इस जाति में इसी अलग मान्यता और विधान है। एक संस्कार के रूप में इसका निर्वहन किया जाता है। भले ही आज इसका चलन कम होते जा रहा है, लेकिन भोजली के प्रति इसका आकर्षण बरकरार है। इस जाति में सावन महिने में जिस लड़की का भोजली उगोना होता है, यानी आने वाले महिने में उसका गवना होने वाला रहता है वह सात दिनों तक मिट्अी कू ‘‘बांटी भवरें‘‘ बनाती है। सातवें दिन उसे कुआ बावली में ठंडा किया जाता है। इसी प्रकार भोजली उगाकर, उसकी सेवाकर रक्षासूत्र और प्रसाद चढ़ाकर विसर्जित किया जाता है। भोजली के विसर्जन के लिए उगोना वाली लड़की श्रृंगार कर भोजली की टोकरी सिर में और दाहिने हाथ में पर्री रखकर सबसे आगे चलती है और पीछे पीछे अन्य बालाएं भोजली गीत गाते चलती हैं। इस दृश्य को देखकर लोग सहज अनुमान लगा लेते हैं कि किस लड़की का गवना होने वाला है। यह अनोखी परंपरा प्रकृति और लोक जीवन से जुड़ी हुई है।

 


संपर्क –
94255 23212

🏀🏀🏀🏀🏀

 

 

विज्ञापन (Advertisement)

ब्रेकिंग न्यूज़

breaking Chhattisgarh

नक्सली मुठभेड़ में जवानों को बड़ी कामयाबी, मुख्यमंत्री साय ने की सराहना, कहा- छत्तीसगढ़ मार्च 2026 तक नक्सलवाद से मुक्त होकर रहेगा

breaking National

लव जिहाद को लेकर पंडित प्रदीप मिश्रा का बड़ा बयानः बोले- हिंदू बेटियों को जागरूक होने की जरूरत, फ्रिजों में मिलते हैं लड़कियों के टुकड़े

breaking Chhattisgarh

चाइनीज मांझे से कटा बच्चे का गला, इलाज के दौरान मौत

breaking Chhattisgarh

महाकुंभ के लिए छत्तीसगढ़ से 8 स्पेशल ट्रेन : भक्तों की यात्रा आसान करने रेलवे ने लिया बड़ा फैसला, जानें स्पेशल ट्रेनों का शेड्यूल…

breaking international

TRUMP MEME Coin ने लॉन्च होते ही लगाई 300-500 फीसदी की छलांग, कुछ ही घंटों में निवेशकों को बनाया मालामाल, ट्रेडिंग वॉल्यूम लगभग $1 बिलियन तक पहुंचा

breaking Chhattisgarh

फरवरी में 27 लाख किसानों को धान का बोनस, रेडी टू ईट फिर महिलाओं के हाथ

breaking Chhattisgarh

3000 शिक्षकों की पुलिस से झड़प, प्रदर्शन के दौरान किया तितर-बितर, सस्पेंड होने को लेकर आक्रोश

breaking Chhattisgarh

विष्णु का सुशासन – पुलिस के साथ अन्य सरकारी भर्तियों में आयु सीमा में 5 वर्ष की छूट से बढ़े युवाओं के अवसर

breaking Chhattisgarh

छत्तीसगढ़ में रोजगार के लिए अनुबंध, उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने कहा- हजारों छात्रों को दिया जाएगा प्रशिक्षण, रोजगार के अवसर होंगे उत्पन्न

breaking Chhattisgarh

विष्णु सरकार का कड़ा एक्शन… एक ही दिन में 9 अफसरों को किया सस्पेंड, ठेकेदार पर भी होगा एक्शन

breaking Chhattisgarh

कैटरिंग दुकान में 6 सिलेंडरों में धमाका, इलाके में मची भगदड़, 10 लाख का सामान जलकर खाक

breaking Chhattisgarh

मोबाइल पर वीडियो रिकॉर्डिंग ऑन कर छिपा देता था लेडिज टायलेट में… पुलिस ने सफाई वाले को पकड़ा

breaking Chhattisgarh

भाजपा ओबीसी वर्ग को दबाने की कर रही साजिश, कांग्रेस से लगाया आरोप, सोशल मीडिया पर आरोप-प्रत्यारोप की लड़ाई जारी

breaking Chhattisgarh

पेशे से वकील, पार्टी के कर्मठ सिपाही… किरण सिंह देव का दोबारा छत्तीसगढ़ प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बनना तय

breaking Chhattisgarh

एक साल में करें बीएड, 10 साल बाद फिर से फिर से शुरू हो रहा यह कोर्स, लागू होंगी नई शर्ते, सिर्फ इन छात्रों को ही मिलेगा मौका

breaking Chhattisgarh

कौन हैं कवासी लखमा ? ईडी ने क्यों किया गिरफ्तार ? विपक्ष के हंगामे के बीच सीएम और डिप्टी सीएम की पहली प्रतिक्रिया

breaking Chhattisgarh

गरीब बच्चों को फ्री में मिलेगी शिक्षा, निजी स्कूल अपडेट करने लगे आरक्षित सीटों की जानकारी

breaking Chhattisgarh

बीजापुर में फिर से IED ब्लास्ट, सीआरपीएफ के दो कमांडो घायल

breaking Chhattisgarh

BJP के नए प्रदेश अध्यक्ष के नाम का ऐलान होगा कल, चर्चा में इन नेताओं के नाम आगे

breaking Chhattisgarh

पूर्व मंत्री अनपढ़! तातापानी में CM विष्णु देव साय ने शराब घोटाले पर कांग्रेस सरकार को घेरा

कविता

poetry

इस माह के ग़ज़लकार : डॉ. नौशाद अहमद सिद्दीकी ‘सब्र’

poetry

कविता आसपास : तारकनाथ चौधुरी

poetry

कविता आसपास : दुलाल समाद्दार

poetry

ग़ज़ल : विनय सागर जायसवाल [बरेली उत्तरप्रदेश]

poetry

कविता आसपास : महेश राठौर ‘मलय’

poetry

कविता आसपास : प्रदीप ताम्रकार

poetry

इस माह के ग़ज़लकार : रियाज खान गौहर

poetry

कविता आसपास : रंजना द्विवेदी

poetry

रचना आसपास : पूनम पाठक ‘बदायूं’

poetry

ग़ज़ल आसपास : सुशील यादव

poetry

गाँधी जयंती पर विशेष : जन कवि कोदूराम ‘दलित’ के काव्य मा गाँधी बबा : आलेख, अरुण कुमार निगम

poetry

रचना आसपास : ओमवीर करन

poetry

कवि और कविता : डॉ. सतीश ‘बब्बा’

poetry

ग़ज़ल आसपास : नूरुस्सबाह खान ‘सबा’

poetry

स्मृति शेष : स्व. ओमप्रकाश शर्मा : काव्यात्मक दो विशेष कविता – गोविंद पाल और पल्लव चटर्जी

poetry

हरेली विशेष कविता : डॉ. दीक्षा चौबे

poetry

कविता आसपास : तारकनाथ चौधुरी

poetry

कविता आसपास : अनीता करडेकर

poetry

‘छत्तीसगढ़ आसपास’ के संपादक व कवि प्रदीप भट्टाचार्य के हिंदी प्रगतिशील कविता ‘दम्भ’ का बांग्ला रूपांतर देश की लोकप्रिय बांग्ला पत्रिका ‘मध्यबलय’ के अंक-56 में प्रकाशित : हिंदी से बांग्ला अनुवाद कवि गोविंद पाल ने किया : ‘मध्यबलय’ के संपादक हैं बांग्ला-हिंदी के साहित्यकार दुलाल समाद्दार

poetry

कविता आसपास : पल्लव चटर्जी

कहानी

story

लघु कथा : डॉ. सोनाली चक्रवर्ती

story

सत्य घटना पर आधारित कहानी : ‘सब्जी वाली मंजू’ : ब्रजेश मल्लिक

story

लघुकथा : डॉ. सोनाली चक्रवर्ती

story

कहिनी : मया के बंधना – डॉ. दीक्षा चौबे

story

🤣 होली विशेष :प्रो.अश्विनी केशरवानी

story

चर्चित उपन्यासत्रयी उर्मिला शुक्ल ने रचा इतिहास…

story

रचना आसपास : उर्मिला शुक्ल

story

रचना आसपास : दीप्ति श्रीवास्तव

story

कहानी : संतोष झांझी

story

कहानी : ‘ पानी के लिए ‘ – उर्मिला शुक्ल

story

व्यंग्य : ‘ घूमता ब्रम्हांड ‘ – श्रीमती दीप्ति श्रीवास्तव [भिलाई छत्तीसगढ़]

story

दुर्गाप्रसाद पारकर की कविता संग्रह ‘ सिधवा झन समझव ‘ : समीक्षा – डॉ. सत्यभामा आडिल

story

लघुकथा : रौनक जमाल [दुर्ग छत्तीसगढ़]

story

लघुकथा : डॉ. दीक्षा चौबे [दुर्ग छत्तीसगढ़]

story

🌸 14 नवम्बर बाल दिवस पर विशेष : प्रभा के बालदिवस : प्रिया देवांगन ‘ प्रियू ‘

story

💞 कहानी : अंशुमन रॉय

story

■लघुकथा : ए सी श्रीवास्तव.

story

■लघुकथा : तारक नाथ चौधुरी.

story

■बाल कहानी : टीकेश्वर सिन्हा ‘गब्दीवाला’.

story

■होली आगमन पर दो लघु कथाएं : महेश राजा.

लेख

Article

तीन लघुकथा : रश्मि अमितेष पुरोहित

Article

व्यंग्य : देश की बदनामी चालू आहे ❗ – राजेंद्र शर्मा

Article

लघुकथा : डॉ. प्रेमकुमार पाण्डेय [केंद्रीय विद्यालय वेंकटगिरि, आंध्रप्रदेश]

Article

जोशीमठ की त्रासदी : राजेंद्र शर्मा

Article

18 दिसंबर को जयंती के अवसर पर गुरू घासीदास और सतनाम परम्परा

Article

जयंती : सतनाम पंथ के संस्थापक संत शिरोमणि बाबा गुरु घासीदास जी

Article

व्यंग्य : नो हार, ओन्ली जीत ❗ – राजेंद्र शर्मा

Article

🟥 अब तेरा क्या होगा रे बुलडोजर ❗ – व्यंग्य : राजेंद्र शर्मा.

Article

🟥 प्ररंपरा या कुटेव ❓ – व्यंग्य : राजेंद्र शर्मा

Article

▪️ न्यायपालिका के अपशकुनी के साथी : वैसे ही चलना दूभर था अंधियारे में…इनने और घुमाव ला दिया गलियारे में – आलेख बादल सरोज.

Article

▪️ मशहूर शायर गीतकार साहिर लुधियानवी : ‘ जंग तो ख़ुद ही एक मसअला है, जंग क्या मसअलों का हल देगी ‘ : वो सुबह कभी तो आएगी – गणेश कछवाहा.

Article

▪️ व्यंग्य : दीवाली के कूंचे से यूँ लक्ष्मी जी निकलीं ❗ – राजेंद्र शर्मा

Article

25 सितंबर पितृ मोक्ष अमावस्या के उपलक्ष्य में… पितृ श्राद्ध – श्राद्ध का प्रतीक

Article

🟢 आजादी के अमृत महोत्सव पर विशेष : डॉ. अशोक आकाश.

Article

🟣 अमृत महोत्सव पर विशेष : डॉ. बलदाऊ राम साहू [दुर्ग]

Article

🟣 समसामयिक चिंतन : डॉ. अरविंद प्रेमचंद जैन [भोपाल].

Article

⏩ 12 अगस्त- भोजली पर्व पर विशेष

Article

■पर्यावरण दिवस पर चिंतन : संजय मिश्रा [ शिवनाथ बचाओ आंदोलन के संयोजक एवं जनसुनवाई फाउंडेशन के छत्तीसगढ़ प्रमुख ]

Article

■पर्यावरण दिवस पर विशेष लघुकथा : महेश राजा.

Article

■व्यंग्य : राजेन्द्र शर्मा.

राजनीति न्यूज़

breaking Politics

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने उदयपुर हत्याकांड को लेकर दिया बड़ा बयान

Politics

■छत्तीसगढ़ :

Politics

भारतीय जनता पार्टी,भिलाई-दुर्ग के वरिष्ठ कार्यकर्ता संजय जे.दानी,लल्लन मिश्रा, सुरेखा खटी,अमरजीत सिंह ‘चहल’,विजय शुक्ला, कुमुद द्विवेदी महेंद्र यादव,सूरज शर्मा,प्रभा साहू,संजय खर्चे,किशोर बहाड़े, प्रदीप बोबडे,पुरषोत्तम चौकसे,राहुल भोसले,रितेश सिंह,रश्मि अगतकर, सोनाली,भारती उइके,प्रीति अग्रवाल,सीमा कन्नौजे,तृप्ति कन्नौजे,महेश सिंह, राकेश शुक्ला, अशोक स्वाईन ओर नागेश्वर राव ‘बाबू’ ने सयुंक्त बयान में भिलाई के विधायक देवेन्द्र यादव से जवाब-तलब किया.

breaking Politics

भिलाई कांड, न्यायाधीश अवकाश पर, जाने कब होगी सुनवाई

Politics

धमतरी आसपास

Politics

स्मृति शेष- बाबू जी, मोतीलाल वोरा

Politics

छत्तीसगढ़ कांग्रेस में हलचल

breaking Politics

राज्यसभा सांसद सुश्री सरोज पाण्डेय ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से कहा- मर्यादित भाषा में रखें अपनी बात

Politics

मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने डाॅ. नरेन्द्र देव वर्मा पर केन्द्रित ‘ग्रामोदय’ पत्रिका और ‘बहुमत’ पत्रिका के 101वें अंक का किया विमोचन

Politics

मरवाही उपचुनाव

Politics

प्रमोद सिंह राजपूत कुम्हारी ब्लॉक के अध्यक्ष बने

Politics

ओवैसी की पार्टी ने बदला सीमांचल का समीकरण! 11 सीटों पर NDA आगे

breaking Politics

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, ग्वालियर में प्रेस वार्ता

breaking Politics

अमित और ऋचा जोगी का नामांकन खारिज होने पर बोले मंतूराम पवार- ‘जैसी करनी वैसी भरनी’

breaking Politics

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री, भूपेश बघेल बिहार चुनाव के स्टार प्रचारक बिहार में कांग्रेस 70 सीटों में चुनाव लड़ रही है

breaking National Politics

सियासत- हाथरस सामूहिक दुष्कर्म

breaking Politics

हाथरस गैंगरेप के घटना पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने क्या कहा, पढ़िए पूरी खबर

breaking Politics

पत्रकारों के साथ मारपीट की घटना के बाद, पीसीसी चीफ ने जांच समिति का किया गठन