भिलाई : ‘ बंगीय साहित्य संस्था ‘ के तत्वाधान में प्रति शनिवार को आयोजित ‘ कॉफी विथ साहित्यिक विचार – विमर्श आड्डा’ के अंतर्गत इस सप्ताह बांग्ला और हिंदी के सुप्रसिद्ध कवि प्रकाश चंद्र मण्डल का अवतरण दिवस मनाया गया🎂
भिलाई [छत्तीसगढ़ आसपास : इंडियन कॉफी हाउस, भिलाई निवास : 5 अगस्त] : ‘ बंगीय साहित्य संस्था ‘ प्रति शनिवार को ‘ कॉफी विथ साहित्यिक विचार – विमर्श आड्डा ‘ की परंपरा को बरकरार रखते हुए संस्था के सदस्य भिलाई निवास के ‘ इंडियन कॉफी हाउस ‘ में बैठक किया करते हैं. आज की बैठक में ‘ बंगीय साहित्य संस्था ‘ के सह सचिव, ‘ मुक्तकंठ साहित्य समिति ‘ के कोषाध्यक्ष और बांग्ला व हिंदी के सुप्रसिद्ध कवि लेखक और नाट्यकार प्रकाश चंद्र मण्डल का जन्मोत्सव मनाया गया.
आज की बैठक में ‘ बंगीय साहित्य संस्था ‘ के उपदेष्टा, ‘ मुक्तकंठ साहित्य समिति ‘ के अध्यक्ष और ख्यातिलब्ध लेखक कवि गोविंद पाल, ‘ बंगीय साहित्य संस्था ‘ की उपसभापति व बांग्ला की लेखिका व कवयित्री श्रीमती स्मृति दत्ता, ‘ मुक्तकंठ ‘ के संरक्षक, ‘ बंगीय साहित्य संस्था ‘ द्वारा प्रकाशित बांग्ला साहित्यिक पत्रिका ‘ मध्यबलय ‘ के संपादक और बांग्ला व हिंदी के चर्चित कवि दुलाल समाद्दार, ‘ मुक्तकंठ ‘ के महासचिव, अंतरराष्ट्रीय हिंदी परिषद ‘ के छत्तीसगढ़ राज्य के अध्यक्ष, कवि लेखक और वरिष्ठ अधिवक्ता ओमप्रकाश शर्मा, कवि हेमंत जगम, बांग्ला कवयित्री सोमाली शर्मा, ‘ मुक्तकंठ ‘ के संरक्षक, ‘ छत्तीसगढ़ आसपास ‘ ग्रुप के ग्रुप एडिटर प्रदीप भट्टाचार्य, मनोरंजन दास, अंशु शर्मा और सुशांत पोद्दार उपस्थित हुए.
आज ‘ कॉफी विथ साहित्यिक विचार – विमर्श आड्डा ‘ की अध्यक्षता गोविंद पाल ने की.
गोविंद पाल ने प्रकाश चंद्र मण्डल के साहित्यिक अवदानों पर बोलते हुए कहा – प्रकाश चंद्र मण्डल की अब तक तीन संग्रह आ चुकी है. एक और बांग्ला कविता संग्रह ‘ आमाके उन्मुक्त करो ‘ जल्द आ रही है. पूर्व में प्रकाशित अंक है. दो बांग्ला संग्रह ‘ तुमी ऐले ताई ‘ और ‘ एक फाले रोदूर ‘.एक हिंदी कविता संग्रह है ‘ शब्दों की खोज में ‘.
गोविंद पाल ने उनके जन्मदिन पर एक – दो कविता का पाठ भी किया. बसंत रे हवा…/हिंदी हो राष्ट्रभाषा/
स्मृति दत्ता ने प्रकाश चंद्र मण्डल के जन्मदिन पर बधाई कविता और ‘ इलिश ‘ पर कविता का पाठ किया.
दुलाल समाद्दार ने ‘ घर ‘, ‘ आशा ‘ और ‘ पुरुष कांदे ना… ‘ पर सुंदर प्रस्तुति दी.
सोमाली शर्मा ने श्रावन मास पर बांग्ला में दो कविता का पाठ किया. कविता का शीर्षक था ‘ मेघे र भेला… ‘/ ‘ वर्षा मन रे…’
हेमंत जगम ने हिंदी में एक उत्कृष्ट रचना का पाठ किया. विषय था ‘ मंदिर में प्रवेश करते हुए…
मनोरंजन दास ने किशोर कुमार के जन्मदिन के अवसर पर किशोर दा को शत् शत् नमन करते हुए मधुर स्वर में एक से बढ़कर एक गीत गाकर शमा बाँधा. गीत थे – छुकर मेरे मन को किया तुने इशारा… /नीले -नीले अंबर से… /हम हैं राही प्यार के…
प्रदीप भट्टाचार्य ने प्रकाशचंद्र मण्डल को जन्मदिन की शुभकामनाएँ देते हुए कविता शब्दों से बधाई दी. मिलेंगी इतनी सारी खुशियाँ/खबर न थी/महकेगी मुहब्बत की बगिया/खबर न थी/बहुत तमन्ना थी/प्रकाश तुमसे मिलने की/तुम मेरे दिल में ही रहोगे/खबर न थी…
प्रकाश चंद्र मण्डल ने आज अपने जन्मदिन पर माँ को याद करते हुए कविता का पाठ किया. माँ तुमी कोतो भालो… /समय के साथ… बचपन की बहुत सारी बातें…
[ बाएँ से : सोमाली शर्मा, स्मृति दत्ता, दुलाल समाद्दार, गोविंद पाल, प्रकाश चंद्र मण्डल, प्रदीप भट्टाचार्य, हेमंत जगम और मनोरंजन दास ]
आज के ‘ कॉफी विथ साहित्यिक विचार – विमर्श आड्डा’ का संचालन प्रदीप भट्टाचार्य और आभार व्यक्त दुलाल समाद्दार ने किया.
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