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- श्रद्धांजलि : भिलाई इस्पात संयंत्र के प्रणेता अविभाजित मध्यप्रदेश के प्रथम मुख्यमंत्री पं. रविशंकर शुक्ल की 66वीं पुण्य तिथि पर विनम्र श्रद्धांजलि
श्रद्धांजलि : भिलाई इस्पात संयंत्र के प्रणेता अविभाजित मध्यप्रदेश के प्रथम मुख्यमंत्री पं. रविशंकर शुक्ल की 66वीं पुण्य तिथि पर विनम्र श्रद्धांजलि
भिलाई [छत्तीसगढ़ आसपास न्यूज़] : अविभाजित मध्य प्रदेश के प्रथम मुख्यमंत्री, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, भविष्य दृष्टा ,भिलाई इस्पात संयंत्र के प्रणेता एवं जननेता पंडित रविशंकर शुक्ल की 66 वीं पुण्यतिथि पर 31 दिसम्बर, 2023 को इस्पात नगरी भिलाई के सेक्टर-9 स्थित उनकी भव्य प्रतिमा के समक्ष प्रातः 10.00 बजे श्रद्धाँंजलि सभा में इस्पात बिरादरी, कांग्रेस जनों और आमजन द्वारा पं. शुक्ल को पुष्पाँंजलि अर्पित कर अपनी भावभीनी श्रद्धाँंजलि अर्पित की गई।
देश के सर्वश्रेष्ठ एकीकृत इस्पात संयंत्र की भिलाई में स्थापना के प्रबल समर्थक और प्रणेता पं. शुक्ल की पुण्य स्मृति में श्रृद्धाँंजलि सभा का आयोजन भिलाई इस्पात संयंत्र के क्रीड़ा एवं साँंस्कृतिक समूह द्वारा, दुर्ग जिला कांग्रेस कमेटी और पं रवि शंकर शुक्ल सामाजिक एवं सांँस्कृतिक समिति के सहयोग से किया गया।
इस अवसर पर दुर्ग जिला कांग्रेस अध्यक्ष मुकेश चंद्राकर, पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष हेमंत बंजारे, एच एस सी एल की पू्र्व उप महाप्रबंधक (कार्मिक) एवं समाजसेविका श्रीमती माया रानी शुक्ला, वरिष्ठ कांग्रेस नेता मोहन लाल गुप्ता, कांग्रेस नेता एवं समाज सेवक राकेश मिश्रा, पूर्व पार्षद एवं श्रमिक नेता प्रभूनाथ मिश्रा, महाप्रबंधक (जनसंपर्क) प्रशान्त तिवारी ने कार्यक्रम को संबोधित किया और पं रविशंकर शुक्ल के योगदानों पर चर्चा की।
इस अवसर पर आयोजन और मूर्ति स्थल के जिर्णोद्धार के लिए सभी वक्ताओं ने भिलाई इस्पात संयंत्र प्रबंधन को धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि भिलाई पं नेहरू और पं रविशंकर शुक्ल की कर्मभूमि हैं। इसको और विकसित किए जाने की आवश्यकता है। इस्पात बिरादरी के सदस्यों के बच्चों को इसी भूमि में रोजगार मिल सकें। प्रभूनाथ मिश्रा ने अपने संबोधन में कहा कि श्री शुक्ल की कर्मभूमि में रोजगार कम हो रहा है, अब इस्पात नगरी विरान हो रही है। इस दिशा में चिंतन होना चाहिए और इस्पात से जुड़े नये उद्योग भिलाई के आसपास लगने चाहिए, जिससे इस इस्पात नगरी की रौनक बनी रहें।
कार्यक्रम का संचालन पं रविशंकर शुक्ल सामाजिक एवं सांस्कृतिक समिति के महासचिव मनोज मिश्रा ने कार्यक्रम का संचालन किया और अंत में समाजवादी नेता एवं वरिष्ठ पत्रकार अशोक पंडा ने धन्यवाद ज्ञापित किया ।
इस अवसर पर भिलाई के महापौर नीरज पाल, कान्यकुब्ज सामाजिक चेतना मंच के पूर्व अध्यक्ष आशीष मिश्रा, कान्यकुब्ज सामाजिक चेतना मंच की महिला विंग की पूर्व अध्यक्ष श्रीमती विजया मिश्रा, स्वदेश शुक्ला, पत्रकार एवं समाज सेवक सतीश पारख,
कांग्रेस नेता एवं समाज सेवक कृष्णा सिंह, कांग्रेस नेता एवं पार्षद सीजू एंथोनी, कांग्रेस के नेता एवं प्रवक्ता मोहम्मद जावेद खान, अशोक गिरी, राजेश शर्मा, श्याम वर्मा, स्वदेश सिसोदिया, आशीष शुक्ला, नरेश कोठारी,संयंत्र के जनसंपर्क विभाग के सदस्य तरसेम सिंह सहित इस्पात बिरादरी के अनेक सदस्य और कांग्रेस के सदस्य उपस्थित थे।
उल्लेखनीय है कि देश के सर्वश्रेष्ठ एकीकृत इस्पात संयंत्र की भिलाई में स्थापना में पंडित रविशंकर शुक्ल ने आधारभूत भूमिका निभाई थी। पं. जगन्नाथ शुक्ल एवं श्रीमती तुलसी देवी के पुत्र के रूप में 2 अगस्त, 1876 में सागर में जन्में पं. रविशंकर शुक्ल ने अपनी मिडिल स्कूल की शिक्षा राजनांदगांव से शुरू की। जबलपुर के राॅबिनसन काॅलेज से इंटरमिडियेट और नागपुर के हिसलाॅप काॅलेज से शिक्षा ग्रहण करने के दौरान ही युवा पं. शुक्ल कांग्रेस के आंदोलन से प्रभावित हो गये थे। 1898 में अमरावती में हुए कांग्रेस के 13 वें अधिवेशन में पं. शुक्ल ने अपने शिक्षक के साथ भाग लिया और देश के अनेक तत्कालीन महानायकों के संपर्क में आये। यहीं से पं. शुक्ल की राजनैतिक जीवन और आजादी के आंदोलन की यात्रा प्रारंभ हुई। 50 वर्ष के अपने राजनैतिक एवं सामाजिक जीवन में पं. शुक्ल ने अनेक जिम्मेदारियों का निर्वहन करते हुए प्रदेश के विकास, शिक्षा और आधारभूत संरचनाओं की स्थापना के लिये महत्वपूर्ण और स्मरणीय कार्य किये। पूर्व सी पी एवं बरार तथा अविभाजित मध्य प्रदेश के विकास में उनके योगदान को सदैव स्मरण किया जायेगा। मध्यप्रदेश के पहले मुख्यमंत्री रहे पं. रविशंकर शुक्ल ने 31 दिसम्बर, 1956 में 80 वर्ष की उम्र में नई दिल्ली में अंतिम सांँस ली।
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