जाड़ा आया- बलदाऊ राम साहू, दुर्ग-छत्तीसगढ़
4 years ago
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शाल, स्वेटर, मफलर लेकर
जाड़ा आया, जाड़ा आया।
मुस्कुरा रही गरम रजाई
गरमी की अब करो विदाई।
धूप सुनहरी हँसते आई
सुबह-सुबह यह है सुखदाई।
डरा रहा है ठंडा पानी
कांप रही है बूढ़ी नानी।
गरम चाय औ’ काफी भाता
जाड़े को कुछ दूर भगाता।
अलाव लेकर बाबा आते
हम बच्चों को पास बिठाते।
फिर धीरे से दादी आती
कथा- कहानी हमें सुनाती।
【 डॉ. बलदाऊ राम साहू का नाम बाल रचनाकारों में एक प्रमुख नाम है
‘छत्तीसगढ़ आसपास’ में उनकी बाल कविता/गीत नियमित प्रकाशित हो रही है
आज़ ‘ठंड’ को इंगित करते हुए बच्चों के लिए ‘जाड़ा’ इस वेब पोर्टल में दे रहे हैं, कैसी रही,अवश्य लिखें
-संपादक
लेखक संपर्क-
94076 50458
chhattisgarhaaspaas
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