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कवर्धा सड़क हादसा : 19 आदिवासी श्रमवीरों की मौत से दहला छत्तीसगढ़, समाज के संरक्षक ने सरकार से की पीड़ित परिवार को नौकरी और एक-एक करोड़ मुआवजा देने की मांग
कवर्धा। जिले के कुकदूर थाना क्षेत्र अंतर्गत बाहपानी गांव में सोमवार को दर्दनाक सड़क हादसे में 19 लोगों की मौत हो गई. इस घटना ने पूरे प्रदेश सहित देश को झकझोर कर रख दिया है. वहीं आज सेमरहा गांव से एक साथ 19 मजदूरों की अर्थी उठी. ग्रामीणों ने नम आखों से अंतिम विदाई दी. अंतिम संस्कार कार्यक्रम में डिप्टी सीएम एवं गृहमंत्री विजय शर्मा भी शामिल हुए. इस दौरान आदिवासी समाज के संरक्षक ने सरकार से पीड़ित परिवार को सरकारी नौकरी और एक-एक करोड़ रुपये मुआवजा राशि देने की मांग की है.
कवर्धा सड़क दुर्घटना को लेकर आदिवासी समाज कुकदूर केंद्र क्षेत्र के अध्यक्ष मुकेश कुमार धुर्वे ने सरकार से मांग की है कि दिवंगत 19 आदिवासी परिवार के लोगों को योग्यता के अनुसार सरकारी नौकरी के साथ एक-एक करोड़ रुपये मुआवजा राशि दी जाए. ताकि उन्हें जीवन यापन में कठिनाई का सामना न करना पड़े. हालांकि घटना के बाद सरकार ने मृतकों के परिवार को 5 लाख और घायलों को 50 हजार रुपये देने की घोषणा की है. साथ ही घायलों के बेहतर उपचार के निदेश दिए हैं. इस घटना के बाद से ही प्रदेश के गृहमंत्री और कवर्धा के विधायक विजय शर्मा लगातार ग्रामीणों के संपर्क में है जो अंतिम संस्कार कार्यक्रम में शामिल होने सुबह से ही पहुंचे हुए थे.
घटना की बारीकी से होगी जांच – डिप्टी सीएम विजय शर्मा
घटना को लेकर डिप्टी सीएम विजय शर्मा ने कहा है कि सरकार इस दुख के घड़ी में जो मृतक के परिवार वाले हैं उनके साथ में है, समाज के साथ है जो भी मदद करना है हर संभव मदद के लिए सरकार इस दुख की घड़ी में उनके साथ खड़ी हुई है. इस दौरान डिप्टी सीएम ने तमाम मांगों पर विचार करते हुए आगे कार्रवाई के साथ ही इस पूरे घटना की सघनता के साथ जांच कराने की बात भी कही है.
आंखों के सामने पत्नी और बेटी की मौत का देखा मंजर
इस घटना को लेकर पिकअप वाहन में सवार एक बुजुर्ग से जब lalluram.com की टीम ने बातचीत किया तब उन्होंने बताया कि इस घटना में उनकी पत्नी और बेटी की मौत हो गई है. इसके बाद वे नम आंखों से कुछ नहीं कह पाए. बता दें कल की घटना में अपने ही आंखों के सामने बुजुर्ग ने अपने ही पत्नी और बेटी के मौत का मंजर को देखा है. इस भयानक सड़क हादसे में 19 लोगों की मौत हुई है.
बता दें कि बैगा आदिवासी समुदाय के 30 से 35 लोग जंगल अपने रोजगार यानी जीवन यापन के लिए तेंदूपत्ता तोड़ने के लिए जंगल गए हुए थे. तेंदूपत्ता तोड़कर सभी पिकअप वाहन में सवार होकर अपने घर लौट रहे थे. इस दौरान अचानक अनियंत्रित पिकअप वाहन 30 फीट से अधिक गहरी खाई में जा गिरी. इस घटना से मौके पर 13 लोगों की मौत हो गई थी. वहीं 9 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए थे. घटना के बाद घायलों को तुरंत कुकदूर सामुदायिक अस्पताल लाया गया. जहां रास्ते में ही पांच लोगों की और मौत हो गई. वहीं बचे चार लोगों को प्राथमिक उपचार के बाद सामुदायिक अस्पताल से जिला अस्पताल रेफर किया गया, इसमें से एक गंभीर व्यक्ति ने रास्ते में ही दम तोड़ दिया. इस घटना की सूचना के बाद प्रदेश में शोक की लहर है.