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छत्तीसगढ़ आसपास, संयंत्र की खबरें[ हर किसी की जिंदगी से जुड़ा हुआ है सेल ]
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प्रदर्शनी : सी एस अदिति और श्रीमती ममता शुक्ला द्वारा निर्मित प्रदर्शनी का उद्घाटन मुख्य महा प्रबंधक [आरईडी] के सुधीर कुमार ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया
सेल-भिलाई इस्पात संयंत्र के जनसंपर्क विभाग द्वारा संचालित, इंदिरा प्लेस, सिविक सेंटर स्थित नेहरू आर्ट गैलरी में, सुश्री सी एस अदिति और श्रीमती समता शुक्ला द्वारा निर्मित पेंटिंग्स की युगल प्रदर्शनी का आयोजन किया जा रहा है। इस प्रदर्शनी का उद्घाटन, 28 मई 2024 को संध्याकाल मुख्य अतिथि, मुख्य महाप्रबंधक (आरईडी) श्री सुधीर कुमार द्वारा अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया।
श्री सुधीर कुमार ने अपने परिवार जनों के साथ इस प्रदर्शनी का आनंद लिया। इस अवसर पर मुख्य महाप्रबंधक (परियोजनाएं) श्री मानस गुप्ता, महाप्रबंधक (सम्पर्क प्रशासन एवं जनसंपर्क) श्री जेकब कुरियन, महाप्रबंधक (परियोजनाएं) श्री व्ही सी शेखर, महाप्रबंधक (जनसंपर्क) श्री प्रशांत तिवारी, उप महाप्रबंधक (कांट्रेक्ट सेल- वर्क्स) सुश्री रेनू गुप्ता, सहायक महाप्रबंधक (परियोजनाएं) श्री पुनीत कुमार वर्मा, जनसंपर्क विभाग के अन्य अधिकारियों एवं कर्मचारियों सहित आर्ट क्लब के सदस्य, कलाकारों के परिवार जन तथा भिलाई के नागरिक बड़ी संख्या में उपस्थित थे।
मुख्य अतिथि, श्री सुधीर कुमार ने पेंटिंग्स में रूचि लेते हुए आगंतुक पुस्तिका में लिखा “यह पेंटिग्स की एक श्रेष्ठ और मनोरम संग्रह की प्रदर्शनी है।” उन्होंने इसकी सराहना करते हुए कलाकारों से भी प्रदर्शित पेंटिग्स के बारे में चर्चा की।
ललित कलाओं में रूचि रखने वाली सुश्री आदिति ने प्रयाग संगीत समिति, इलाहाबाद से ललित कला में सीनियर डिप्लोमा प्राप्त किया है। उन्हें भरतनाट्यम के लिए सीसीआरटी छात्रवृत्ति (संस्कृति मंत्रालय के अंतर्गत) भी प्राप्त हुई है। उन्होंने मार्शल आर्ट्स में भी दक्षता हासिल की है और ताइक्वांडो में ब्लैक बेल्ट हासिल किया है।
श्रीमती समता शुक्ला, एक गृहिणी होने के साथ साथ अच्छी आर्टिस्ट भी हैं, बचपन से ही इन्हें चित्रकला और पेंटिंग में बहुत रूचि रही है। श्रीमती शुक्ला विभिन्न प्रकार की कला विधाओं जैसे ऑइल पेंटिंग, पेंसिल स्केचिंग, मधुबनी, मांडला कला, रेखाचित्र और वाटर कलर पेंटिंग सहित, विविध चित्रकला विधाओं को कैनवास पर सुन्दरता के साथ उकेरा है।
यह तीन दिवसीय चित्रकला प्रदर्शनी 30 मई 2024 तक प्रतिदिन संध्या 5.30 बजे से रात्रि 8.30 बजे तक आम जनता के अवलोकनार्थ खुली रहेगी।
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विशेष प्रबंध : भिलाई इस्पात संयंत्र के मैत्री बाग में वन्य जीवों को गर्मी से बचाने हेतु विशेष इंतजाम
भिलाई इस्पात संयंत्र के मैत्रीबाग में वन्यजीवों को गर्मी से बचाने हेतु विशेष इंतजाम
भिलाई इस्पात संयंत्र के उद्यानिकी विभाग द्वारा संचालित मैत्रीबाग चिड़ियाघर में मौजूद वन्यजीवों को तपती गर्मी से बचाने के लिए विशेष प्रबंध किए गए हैं। जिसके तहत, बंदरों और पक्षियों के लिए स्प्रिंकलर लगाए गए हैं, तथा सांभर, हिरण के इन्क्लोजरों मे फव्वारों की व्यवस्था की गयी है जिससे उस क्षेत्र मे तापमान कम होने से इन्हें गर्मी से बचाया जा सके। बाघों के लिए कृत्रिम वाटरफॉल तैयार किये गए हैं। सांभर हेतु मडबाथ का इंतज़ाम किया गया है। हिरणों, सांभर एवं ब्लैक बक, बाघों एवं सिंह के इन्क्लोज़रों में यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि मोट में हमेशा पानी भरा रहे।
इसके अतिरिक्त स्पॉटेड डियर एवं सांभर को गर्मी से बचाव हेतु शेड के ऊपर स्प्रिंकलर द्वारा पानी का छिडकाव किया जा रहा है । सभी इन्क्लोजरों के द्वार पर टाईफा चटाई लगायी गयी है जिससे पानी का छिडकाव कर पिंजरों को ठंडा रखा जाता है । इसके अतिरिक्त, जानवरों के पिंजरों के धूप से बचाव हेतु चारों तरफ हरे नेट भी लगाये गए हैं। मैत्रीबाग चिड़ियाघर में वर्तमान में करीब 340 वन्य प्राणियों को रखा गया है। इन वन्य प्राणियों को गर्मी से बचाने के लिए मैत्रीबाग प्रबंधन द्वारा प्रत्येक वर्ष विशेष प्रबंध किये जाते हैं।
उपमहाप्रबंधक (उद्यानिकी) एवं मैत्रीबाग प्रभारी डॉ नवीन कुमार जैन ने बताया कि हीट वेव से चिड़ियाघर के वन्यप्राणियों की रक्षा हेतु वातावरण को ठंडा रखा जाता है, जिसके लिये कृत्रिम झरने, तथा स्प्रिंकलर आदि विभन्न माध्यमों से पानी का छिड़काव किया जा रहा है। खुले में रहने वाले जानवरों पर पानी की बौछार की जाती है। साथ ही, जानवरों के खाने-पीने में भी मौसम के अनुरूप बदलाव किये गए हैं जिससे उनके शरीर में ठंडक बनी रहे और इनके स्वास्थ्य पर प्रतिकूल असर न पड़े। बंदरों और अन्य जानवरों के भोजन में तरबूज, ककड़ी एवं खरबूजा जैसे फलों को शामिल किया गया है।
देश के चिडियाघरों में मैत्री बाग के सफेद बाघ सदा से चर्चे में रहे हैं। मैत्री बाग प्रबंधन ने सेंट्रल जू ऑथोरिटी के नियमानुसार, देश के 5 से भी अधिक चिड़ियाघरों के साथ बाघों का आदान-प्रदान किया है। जिसमे मुकुंदपुर, लखनऊ, नागपुर, राजकोट और बोकारो आदि चिड़ियाघर शामिल हैं। भिलाई मैत्री बाग सफेद बाघों की बड़ी संख्या के साथ भारत के शीर्ष चिडियाघरों में से एक है।
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