■ दोहा : •प्रिया देवांगन ‘प्रियू’.
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●पिया की राह
-प्रिया देवांगन ‘प्रियू’
[ पंडरिया, कबीरधाम, छत्तीसगढ़ ]
खिड़की देखे राह को, लगी पिया की आस।
जल्दी आओ साजना, मन में हैं विश्वास।।
करते मीठी बात जब, बैठे पक्षी डाल।
मन में लगता आग है, दिल होता बेहाल।।
करती तुझसे प्रेम मैं, मिले कभी नहिँ चैन।
हर पल आती याद है, भर जाती है नैन।।
वादा रखना याद तुम, आना पूनम रात।
चांँद सितारे संग में, पिया करेंगे बात।।
लम्बी होती रात ये, अब बीता नहिँ जाय।
जल्दी आओ साजना, मन मेरा घबराय।।
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